नृपेन्द्र मौर्य | navpravah.com
नई दिल्ली | सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर खरीद को लेकर ऑफर को ठुकराने के बाद किसानों ने एक बार फिर ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान शुरू किया। पुलिस की किलेबंदी को तोड़ने के लिए इस बार किसान बुलडोजर और जेसीबी जैसी भारी मशीनों के साथ तैयार हैं। इसी दौरान कुछ युवा प्रदर्शनकारी किसानों ने शंभू बॉर्डर से आगे की ओर बढ़ने का प्रयास किया, जिसके कारण पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
किसान संघों ने ये घोषणा किया है कि वे इन मशीनों का उपयोग नहीं करेंगे और केवल आंदोलन के नेता ही आगे बढ़ेंगे। किसानों के इस फैसले पर हरियाणा पुलिस ने ट्वीट कर इसका स्वागत करते हुए कहा कि किसानों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए भारी मशीनरी जैसे जेसीबी, पोकलेन आदि का प्रयोग न करने की घोषणा का स्वागत करती है।
इस बीच सूत्रों ने खबर दी है कि सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच आज ही पांचवें दौर की बैठक हो सकती है। इसमें सरकार की तरफ से फसलों की एमएसपी पर नया ऑफर दिया जा सकता है।
किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। शहर के टिकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। सुरक्षा कंपनियों ने किसी भी संभावित स्थिति के लिए अपनी तैयारी सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार को मॉक ड्रिल किया।
इसी बीच किसानों और पुलिस के बीच नोकझोंक जारी हैं
पंजाब के किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर से दिल्ली जाने की प्रयास कर रहे हैं। दोनों ही जगहों पर किसान और पुलिस के बीच भीषण टकराव जारी है। खनौरी में हालात बिगड़ गए हैं। यहां कई राउंड आंसू गैस छोड़ी और रबर बुलेट्स भी दागी गईं।
आंदोलन की अगुआई कर रहे किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के कोऑर्डिनेटर सरवण पंधेर ने कहा कि खनौरी बॉर्डर पर एक किसान की मौत हो गई है। किसान पंजाब के बठिंडा का रहने वाला था। उसके अलावा 12 अन्य किसान भी घायल हैं, इनमें से दो की हालत गंभीर है।
उधर, टोहाना बॉर्डर पर तैनात एसआई विजय कुमार की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।