बिहार ब्यूरो | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क
बिहार के मुंगेर की घटना से स्थानीय आम जनमानस की भावनाओं को गहरी ठेस लगी है। पुलिस प्रशासन पर जिले-प्रदेश और समुदाय की जनता में रोष व्याप्त है। गुरुवार को आम जनता का ग़ुस्सा फिर फूटा। लोगों ने गुरुवार को ख़ूब बवाल किया और गुस्साई भीड़ ने पूरब सराय को आग के हवाले कर दिया।
उग्र भीड़ ने पुलिस की भी कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। यही नहीं, एसडीओ और डीएसपी के दफ्तर और आवास पर भी पथराव किया गया है। वहीं जिले की स्थिति को देखते हुए चुनाव आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को हटा दिया है। आज ही नए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की तैनाती की जाएगी।
घटना को लेकर बिहार चुनाव आयोग के सीईओ ने ट्वीट कर बताया कि मुंगेर की एसपी और डीएम को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। उन्होंने लिखा, ‘मुंगेर में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर, चुनाव आयोग ने एसपी और डीएम मुंगेर को तत्काल हटाने का आदेश दिया है। आयोग ने असंगबा चुबा एओ, मंडल आयुक्त, मगध द्वारा पूरी घटना की जांच करने का आदेश दिया है, जिसे अगले सात दिनों के भीतर पूरा किया जाना है।’
स्थानीय लोगों की मांग थी कि मुंगेर की पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह के खिलाफ मंगलवार की घटना को लेकर तुरंत कारवाई की जाए। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पूर्व हुई उस घटना ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जहां इस घटना की निंदा की, वहीं मुंगेर की एसपी लिपि सिंह को जनरल डायर की संज्ञा तक दे डाली। दरअसल दशहरे की रात मूर्ति विसर्जन के दौरान पुलिस और आम लोगों के बीच पहले विवाद हुआ और उसके बाद वहां जमकर हंगामा हुआ था। पुलिस को गोलियां तक चलानी पड़ी थी, जिसमे एक युवक की मौत हो गई थी और कई अन्य बुरी तरह घायल हो गए थे।