एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीसामी ने आज संकेत दिया कि उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक, नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन जहां तक है नहीं देगी, उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव तेलुगु देशम पार्टी द्वारा आंध्र प्रदेश के हित से जुड़े मुद्दे को लेकर लाया गया है।
पलानीसामी ने कहा कि जब अन्नाद्रमुक के सांसदों ने कावेरी प्रबंधन बोर्ड और कावेरी जल नियमन समिति के गठन को लेकर लगभग तीन हफ्ते तक लोकसभा की कार्यवाही नहीं चलने दी थी, उस समय किसी पार्टी ने तमिलनाडु का समर्थन नहीं किया था।
पलानीसामी ने कहा, आपको यह समझना होगा, वे (तेदेपा) आंध्र प्रदेश की समस्या को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाए, जब तमिलनाडु से अन्नाद्रमुक सांसदों ने संसद नहीं चलने दी थी (पिछले सत्र के दौरान) तो किसने आवाज (समर्थन में) उठाई थी, उन्होंने कहा कौन सा राज्य सामने आया था, कोई राज्य नहीं।
इधर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शिव सेना सरकार के समर्थन में वोट करने का मन बना रही है, शिव सेना के अधिकांश सांसद ऐसा चाहते हैं और अब बताया जा रहा है कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे सांसदों की राय के साथ ही जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि शिवसेना के सांसदों का कहना है कि चूंकि अविश्वास प्रस्ताव टीडीपी द्वारा लाया जा रहा है, इसलिए पार्टी को उस प्रस्ताव पर बहुत अधिक महत्व नहीं देना चाहिए, सूत्रों ने कहा, सांसदों का मानना है कि टीडीपी के प्रस्ताव को महत्त्व नहीं देना चाहिए, इस बारे में शिवसेना सांसदों ने उद्धव ठाकरे से बात है।
माना जा रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव की बहस के दौरान शिव सेना सरकार की आलोचना करने में पीछे नहीं रहेगी, लेकिन वो विपक्षी दलों के साथ जाकर अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट नहीं करेगी, शिवसेना पहले भी केंद्र की मोदी सरकार और महाराष्ट्र में राज्य सरकार की आलोचना करती रही है, हालांकि दोनों ही जगह पार्टी सरकार में साझेदार है, केंद्र में बीजेपी के पास पर्याप्त संख्या बल है।