एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
अब आने वाले दिनों में आपके कैश इन हैंड सैलरी में बड़ा बदलाव हो सकता है, केंद्र की मोदी सरकार इसके लिए वेतन के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है, इसके लिए ससंद के मॉनसून सत्र में सरकार ‘कोड ऑन वेजेज’ का संशोधित प्रस्ताव ला सकती है।
इसके तहत सरकार आपको मिलने वाले हाउस रेंट अलाउंस और एलटीए जैसे भत्तों की अधिकतम सीमा तय कर सकती है, अगर ऐसा होता है, तो हर महीने आपके खाते में आने वाली इन-हैंड सैलरी घटेगी और आपकी टैक्स की देनदारी बढ़ जाएगा।
सरकार वेतन नियमों में बदलाव कर सकती है, इसके लिए कोड ऑन वेजेज में बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया गया है, मॉनसून सत्र में इस प्रस्ताव को पास कराने की योजना है, इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर कैश इन हैंड सैलरी यानी टेक होम सैलरी पर पड़ेगा।
सरकार चाहती है कि लोगों की आर्थिक सुरक्षा को ताकत मिले, यही वजह है कि सरकार मूल वेतन में भत्तों को कम करके, बेसिक का हिस्सा बढ़ाने पर जोर दे रही है, इससे कर्मचारी के मूल वेतन के अनुपात में कटने वाले ग्रैच्युटी, पीएफ और इंश्योरेंस में आपका योगदान बढ़ जाएगा।
हर महीने आपके खाते में आने वाली इन-हैंड सैलरी घटेगी, जिसका असर आपकी सेविंग्स पर तो दिखेगा लेकिन, टैक्स की देनदारी बढ़ जाएगी, दरअसल, अभी तक कंपनियां टैक्स बचाने के लिए अलग-अलग भत्तों के तौर पर सैलरी स्ट्रक्चर तैयार करती थी।
लोकसभा में इस विधेयक का ड्राफ्ट अगस्त 2017 में पेश किया गया था, जिसके बाद इसे समीक्षा के लिए प्रवर समिति के पास भेज दिया गया था, इस विधेयक में वेतन भुगतान अधिनियम 1936, न्यूनतम वेतन अधिनियम 1949, बोनस भुगतान अधिनियम 1965 और समान मेहनताना अधिनियम 1976 को मिलाकर एक संहिता बना दिया गया है।