सौम्या केसरवानी | navpravah.com
जेडीयू के बागी राज्यसभा सांसद शरद यादव ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि संयुक्त विपक्ष लोकसभा चुनाव से पहले अपने प्रधानमंत्री चेहरे का नाम इसलिए सार्वजनिक नहीं करेगा, क्योंकि नाम उजागर करते ही भारतीय जनता पार्टी उस चेहरे को बदरंग कर देगी।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान एनडीए के प्रमुख चेहरा रहे और आडवाणी के एनडीए अध्यक्ष कार्यकाल में एनडीए के संयोजक रहे यादव इस समय एनडीए के खिलाफ बन रहे संभावित मोर्चे के केंद्रीय किरदार बनते नजर आ रहे हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा से वापस लौटकर सीधे भारत बंद में शामिल होने पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मंच पर जो गैर कांग्रेसी नेता शामिल थे, उनमें यादव प्रमुख थे और सोनिया गांधी के बगल में खड़े थे, उनकी इस तरह की तस्वीरें आडवाणी के साथ भी मिल जाएंगी।
जब उनसे पूछा गया कि, जीवन भर कांग्रेस विरोध की राजनीति करने के बाद अगर आप राहुल के मंच पर खड़े हैं,यह कैसे, इस सवाल पर यादव ने कहा, जब लोकतंत्र और संविधान खतरे में हो तो सबको साथ आना है, इस समय एक ही मुद्दा है, मोदी हटाओ, संविधान बचाओ।
यह पूछने पर कि क्या उन्हें उन राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार होगा, जिनकी उम्र अभी इतनी नहीं है, जितना यादव का संसदीय जीवन है, तो उन्होंने कहा कि, यह फालतू सवाल है, आप भाजपा का सवाल पूछ रहे हैं, चलिए राहुल न सही आपका नेता होगा कौन, इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘आप कितना ही पूछते रहिए हम विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी का नाम नहीं बताएंगे।