इशिका गुप्ता| navpravah.com
नई दिल्ली | दलित चिंतक प्रोफेसर कालीचरण का कहना है कि मंडल कमीशन और इसके जैसे अन्य मुद्दों की जड़ कांग्रेस पार्टी में है। लोकसभा चुनाव में बसपा का पारंपरिक वोटर अब गठबंधन की ओर चला गया है।
राहुल गांधी ने अमेरिका में आरक्षण पर जो बयान दिए, उन पर बसपा प्रमुख मायावती ने बीजेपी के बाद सबसे ज्यादा हमला किया है। जानकारों का मानना है कि बसपा ने राहुल गांधी के बयान को भुनाने का फैसला किया है और इसे चुनावी मुद्दा बना सकती है। इसके अलावा, पार्टी इस मुद्दे को यूपी विधानसभा उपचुनाव में भी उठाने की योजना बना रही है।
मायावती इस समय आरक्षण के मुद्दे पर बहुत सक्रिय हैं, क्योंकि लोकसभा चुनाव में दलित वोटर के खिसकने के बाद वह उन्हें वापस लाने में जुटी हैं। वह बीजेपी की बजाय कांग्रेस को निशाना बना रही हैं, ताकि अपने वोटर को संजो सकें।
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में बसपा की स्थिति खराब होने के बाद, उनका पारंपरिक वोटर कांग्रेस की ओर बढ़ता दिख रहा है। इस चिंता को लेकर मायावती ने आरक्षण में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सबसे पहले और सबसे जोरदार विरोध किया। उन्होंने बीजेपी को कानून बनाने की सलाह दी और कांग्रेस को घेरने की कोशिश की।
विश्लेषक रविकांत का कहना है कि मायावती कांग्रेस पर इसलिए हमला कर रही हैं, क्योंकि उनका दलित वोटर कांग्रेस की ओर खिसक गया है और उन्हें अपना वोट बैंक बचाना है। इसी कारण वह कांग्रेस पर ज्यादा प्रहार कर रही हैं।
राजनीतिक विश्लेषक राजीव श्रीवास्तव के अनुसार, बसपा का जाटव वोट इस चुनाव में खिसकता दिख रहा है, जो पहले कांग्रेस के पास था। एक समय में दलित और मुस्लिम वोट कांग्रेस के पास था, लेकिन यूपी कांग्रेस के कमजोर होने के बाद दलित वोट बसपा के पास और मुस्लिम वोट सपा के पास चला गया। बसपा को कांग्रेस से ज्यादा खतरा महसूस हो रहा है और वह अपने दलित वोट को बनाए रखना चाहती है।