नहीं रहे एम. करुणानिधि, तमिलनाडु में शोक की लहर

सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
डीएमके अध्यक्ष एम. करुणानिधि का आज चेन्नई के कावेरी हॉस्पिटल में निधन हो गया। कई दिनों से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी, हॉस्पिटल के बुलेटिन ने उनकी मृत्यु की पुष्टि की है।
करुणानिधि की मौत की खबर सुनते हुए तमिलनाडु में शोक की लहर दौड़ गई है। करुणानिधि के जाते ही तमिलनाडु की राजनीति के एक बड़े युग का अंत हो गया है। वह पिछले 11 दिनों ने कावेरी हॉस्पिटल में भर्ती थे।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत देश के तमाम राजनीतिक दलों और नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है, पीएम मोदी ने उनके जाने को देश की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति बताई है।
चेन्नई स्थित कावेरी हॉस्पिटल के बाहर उनके समर्थकों को जमावड़ा लगा हुआ है, लोगों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। समर्थकों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
करुणानिधि तमिलनाडु के 5 बार मुख्यमंत्री रहे और वे 60 वर्षों तक लगातार विधायक रहे। उन्होंने भारतीय राजनीति का एक ‘अजेय’ विधायक कहा जाता है, वे ‘द्रविड़ योद्धा’ और ‘कलाइग्नर’ के नाम से मशहूर थे।
उनके देहांत की खबर सुनते ही तमिलनाडु में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। हॉस्पिटल और उनके निवास के बाहर बड़ी संख्या में समर्थक जुटे हुए हैं और भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है, पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
राजनीति से पहले वे दक्षिण में हिंदी विरोधी आंदोलन में शामिल हुए थे और अन्नादुराई के निधन के बाद वे 1969 में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। वे तमिल फिल्मों में पटकथा लेखन का काम भी करते थे, उन्होंने इंदिरा गांधी के आपातकाल का विरोध किया था।

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