सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस खारिज पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि इस नोटिस पर निर्णय लेने में दो दिन लेना ही नहीं चाहिए था। बल्कि जिस दिन विपक्ष ने इस प्रस्ताव के लिए राज्यसभा के सभापति को नोटिस दिया गया, उसी दिन उन्हें इसे रद्द कर देना चाहिए था।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, वेंकैया नायडू ने बिल्कुल सही फैसला किया है। उन्हें निर्णय देने के लिए दो दिन की भी जरूरत नहीं थी। इस महाभियोग प्रस्ताव को शुरू में ही फेंक देना चाहिए था। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को ‘पद से हटाने’ के लिए कांग्रेस एवं अन्य दलों की ओर से दिये गये नोटिस पर कानूनविदों से विस्तृत विचार विमर्श के बाद आज उसे नामंजूर कर दिया है।
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को पद से हटाने संबंधी कांग्रेस तथा अन्य दलों की ओर से दिए गए नोटिस पर बीते 22 अप्रैल को अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल सहित संविधानविदों और कानूनी विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया था।
राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार नायडू ने याचिका को स्वीकारने अथवा ठुकराने को लेकर संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप। पूर्व विधि सचिव पी.के. मल्होत्रा और विधायी मामलों के पूर्व सचिव संजय सिंह सहित अन्य विशेषज्ञों से कानूनी राय ली थी।