राजेश सोनी | Navpravah.com
एक तरफ राहुल गांधी गुजरात चुनाव में मंदिर-मंदिर जाकर सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेल रहे हैं। वहीं दूसरे तरफ उनके पार्टी के नेता और जाने-माने वकील कपिल सिब्बल ने अयोध्या मुद्दे पर बयान देकर अपने पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मुद्दे की सुनवाई को 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद तक टालने की बात कही थी, जिसके बाद इस बयान ने भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का एक मौका दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मुद्दे की सुनवाई को फरवरी तक स्थगित कर दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी पहले से ही अपने जनसभा में अयोध्या विवाद को लेकर कांग्रेस को घेर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर भाजपा चुनावों के बारे में सोचती, तो हम कभी भी तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को आजादी नहीं दिला पाते। मोदी ने कांग्रेस से इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करने को कहा है। भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष अमित शाह भी प्रेस वार्ता कर राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस को घेर चुके हैं।
बता दें कि भाजपा ने तीन तलाक के मुद्दे को उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान खूब भुनाया था। जिसके कारण भाजपा को उत्तर प्रदेश चुनाव में बहुत बड़ी सफलता हासिल हुई थी। भाजपा अब अयोध्या मामले को भी गुजरात चुनाव में भुनाना चाहती है और इस मुद्दे का राजनीतिक फायदा गुजरात चुनाव में हासिल करना चाहती है।
गुजरात चुनाव-प्रचार की शुरुआत से ही भाजपा राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे पर कांग्रेस को खींचने की तमाम कोशिशें कर रही है, वहीं कांग्रेस, गुजरात चुनाव में जाति-धर्म का कार्ड खेल रही है। गुजरात चुनाव 2 चरणों में होगा और यहाँ 9 और 14 दिसंबर को वोट पड़ेंगे। अब तो आनेवाली 18 तारीख ही बताएगी, कौन जीतेगा और कौन हारेगा।