कोमल झा| Navpravah.com
रिलीज से पहले संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर आये दिन कोई न कोई नया विवाद देखने को मिलता है। अब हालही में राजस्थान की रानी की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म पद्मावती के खिलाफ भाजपा ने राजपूत समाज के साथ अपना सुर मिला लिया है। पार्टी ने फिल्म को ऐतिहासिक तथ्यों से परे बताते हुए बुधवार को सौंपी गई अर्जी में चुनाव आयोग से इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है।
बीजेपी ने चुनाव आयोग, केंद्र सरकार और सेंसर बोर्ड को एक चिट्ठी लिखी है। जिसमें कहा गया है कि यह फिल्म क्षत्रिय समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है। लिहाजा फिल्म को रिलीज से पहले पार्टी के राजपूत प्रतिनिधियों को दिखाया जाना चाहिए। पार्टी की दलील है कि ऐसा करने से रिलीज के वक्त फिल्म के लिए सहूलियत रहेगी और किसी भी तरह की तनावपूर्ण परिस्थितियों से बचा जा सकेगा।
बीजेपी प्रवक्ता और राजपूत नेता आई के जडेजा का बयान सामने आया है। उन्होंने फिल्म को लेकर डायरेक्टर को दो विकल्प देते हुए कहा, फिल्म को बैन किया जाए या इसे गुजरात चुनाव के बाद रिलीज किया जाए। हालांकि उन्होंने इस बात को खारिज किया कि इस प्रोटेस्ट का आगामी चुनाव से कोई लेना-देना है। आईके जडेजा ने कहा, पार्टी को रानी पद्मिनी से जुड़े तथ्यों से छेड़छाड़ किए जाने की चिंता है। फिल्म में रानी पद्मिनी और खिलजी के बीच इंटीमेट सीन फिल्माए जाने की खबर थी।
उनका दावा है कि फिल्म में राजस्थान की गौरवशाली परंपरा के साथ खिलवाड़ किया गया है। फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी व पद्मावती की मुलाकात का दृश्य है जबकि दोनों के बीच कभी मुलाकात हुई ही नहीं थी। इससे राजपूत और क्षत्रिय समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचा है।