एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा को हैरान करने वाले एक निर्णय लिया है। जिसके तहत यूपी में आगे आने वाले उपचुनावों में इसके साथ किसी भी तरह के तालमेल से इनकार कर दिया है।
मायावती ने इस बात का ऐलान करते हुए कहा कि आने वाले उपचुनावों के लिहाज से वह अपने पार्टी कैडर को सक्रिय नहीं करेंगी। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनावों में सपा-बसपा तालमेल की बदौलत जीत हासिल करने के बाद सपा की निगाहें कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट पर हैं।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मायावती की बसपा जोनल कोआर्डिनेटरों की बैठक के बाद एक बयान में कहा गया। भविष्य में होने वाले किसी भी उपचुनाव के लिए बसपा अपने कैडर को सक्रिय नहीं करेगी।
सूत्रों के मुताबिक अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को कैराना से उतारने के मूड में है, ऐसे में यदि बसपा, सपा को समर्थन देती है तो जाट वोटर उससे छिटक सकता है। इसी तरह बसपा यदि रालोद को समर्थन देती है तो मुस्लिम मतदाता उससे नाराज हो सकता है। चूंकि बसपा उपचुनाव में खुद तो लड़ती नहीं है। सो इससे दूर रहने में ही पार्टी का हित है।
ऐसा माना जा रहा है कि 2019 चुनाव में पार्टी दलित, पिछड़ा और अगड़ी जातियों को एकसाथ लेकर चलेगी, पार्टी प्रमुख मायावती ने खुद इसको लेकर संकेत दिए हैं। मायावती ने कहा कि बीजेपी सरकार में दलितों, पिछड़ों और सवर्ण जाति के गरीब तबकों का बुरा हाल है।