राजेश सोनी । Navpravah.com
गुजरात चुनाव में पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग कर राजनीति में आए युवा नेता हार्दिक पटेल की हवा निकलती नज़र आ रही है। चुनाव के रुझानों को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि पाटीदार समाज ने उनका साथ देने की बजाय भाजपा पर एक बार फिर भरोसा जताया है।
हार्दिक ने चुनाव के लिए पाटीदार आंदोलन समिति पार्टी (पास) बना ली थी। अब तक के रुझानों को देख लग रहा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में हार्दिक पटेल का असर भाजपा के सामने फ़ेल होते नजर आ रहे हैं।
बता दें कि शुरूआती रुझानों में भाजपा कांग्रेस से पिछड़ गई थी, लेकिन दोपहर होते-होते भाजपा को सभी रुझानों में स्पष्ट बहुमत मिलते नजर आ रहे हैं। पटेलों का गढ़ माना जाने वाला पाटीदार बाहुल मेहसाणा जिले में भी भाजपा को 7 में से 5 सीटों पर बढ़त मिलती नजर आ रही है। भाजपा को 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में 83 पाटीदार बाहुल सीटों में से 59 सीट हासिल हुई थी, करीब 71% पाटीदारों का वोट मिला था। वहीं अगर नज़र डालें तो कांग्रेस को 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव पाटीदार बाहुल इलाकों में सिर्फ 22 सीटें हासिल हुई थीं।
रुझानों में साफ़ नजर आ रहा है कि गुजरात चुनाव नतीजों में भाजपा को पटेल फैक्टर परेशान नहीं कर पा रहा है। कांग्रेस और हार्दिक पटेल ने साथ मिलकर गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ा था, फिर भी उन्हें पाटीदार समाज की 17 सीटें मिलते नजर आ रही हैं और वही अकेली लड़ रही भाजपा को पाटीदारों बाहुल इलाकों में 20 सीटें मिलते नजर आ रही हैं।
इससे साफ़ नजर आ रहा है कि गुजरात के पाटीदारों ने हार्दिक पटेल और कांग्रेस के आरक्षण देने वाले वादे पर भरोसा नहीं जताया है। गुजरात के पाटीदारों ने एक बार फिर इन चुनाव में भाजपा का साथ दिया है।