सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
राफेल डील को लेकर कांग्रेस की ओर से बार-बार केंद्र सरकार पर उठाए जा रहे सवालों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि, इस सौदे की जांच नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक से कराई जाएगी।
कैग इस सौदे की कीमतों की जांच करेगी, लेकिन यह डील रद्द नहीं होगी, उन्होंने कहा कि कैग इस बात को भी परखेगी कि कांग्रेस नीत यूपीए सरकार में राफेल विमान की सौदेबाजी बेहतर थी या बीजेपी नीत एनडीए सरकार में हो रही डील बेहतर है।
अरुण जेटली ने कहा कि, राफेल डील में अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के आरोपों पर अरुण जेटली ने कहा कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस राफेल सौदे में एक एमओयू के तहत फरवरी 2012 में तब शामिल हुई थी, जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राफेल लड़ाकू विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार की स्वतंत्र जांच कराने की मांग को लेकर आज केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से मिलेगा, पिछले सप्ताह कांग्रेस ने देश के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) से मुलाकात की थी।
कांग्रेस के नेताओं ने कल कहा कि, पार्टी इसी तरह का अनुरोध करने के साथ ही इस संबंध में भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज करने की मांग करेगी, राफेल मुद्दे पर अपना हमला तेज करते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने गोपनीयता की शपथ का ‘‘उल्लंघन’’ किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि समय आ गया है, अब वित्त मंत्री अरूण जेटली और प्रधानमंत्री “झूठ बोलना बंद करें’’ इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने सच्चाई सामने लाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने पर जोर दिया है।