अर्नब गोस्वामी को मुम्बई पुलिस ने किया गिरफ़्तार, सवालों के घेरे में उद्धव सरकार

अमित द्विवेदी | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क 

मुम्बई पुलिस ने बुधवार को सुबह ही रिपब्लिक टीवी के प्रधान सम्पादक अर्नब गोस्वामी को 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया है। इसी साल मई में महाराष्ट्र सरकार की तरफ से इस केस की सीआईडी जांच के आदेश दिए गए थे। ख़बर के मुताबिक़, पुलिस ने अर्नब के घर पर तलाशी भी ली।

अर्नब गोस्वामी और दो अन्य द्वारा कथित रूप से बकाया राशि न देने पर 53 वर्षीय एक इंटीरियर डिजाइनर और उसकी मां के आत्महत्या करने के मामले की सीआईडी द्वारा पुनः जांच करने के आदेश दिए गए थे। कथित तौर पर अन्वय नाइक द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट में कहा गया था कि आरोपियों ने उनके 5.40 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया था, इसलिए उन्हें आत्महत्या का कदम उठाना पड़ा। हालाँकि, रिपब्लिक टीवी ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया था।
रिपब्लिक टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक़, जिस मामले में मुम्बई पुलिस ने अर्नब को गिरफ़्तार किया है, उसकी क्लोज़र रिपोर्ट सब्मिट की जा चुकी है। पुलिस ने बंद मामले को फिर से खोलकर अर्नब को ज़बरन गिरफ़्तार किया है। यही नहीं पुलिस ने अर्नब को इतना भी वक़्त नहीं दिया कि वे अपने माँ-बाप को दवाई दे सकें। यहाँ तक कि रिपब्लिक के पत्रकारों को उनसे मिलने तक नहीं दिया गया।
सीआईडी जांच को लेकर राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा था, ‘इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक की बेटी आज्ञा नाइक ने दावा किया था कि रायगढ़ जिले में अलीबाग पुलिस ने बकाया राशि न दिए जाने के मामले की जांच नहीं की थी। इसलिए अन्वय और उनकी मां को आत्महत्या का कदम उठाना पड़ा।’
इमर्जेन्सी की याद दिलाती घटना -कंगना रनौत
इस मामले में महाराष्ट्र सरकार विरोध शुरू हो गया है। नेता से लेकर अभिनेता सभी ने एकजुट होकर राज्य सरकार के रवैए की आलोचना की है। कंगना रनौत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार कितने लोगों का गला दबाएगी। अब राज्य के अन्याय के ख़िलाफ़ लोग और मुखर होंगे। वहीं देश के कई बड़े नेताओं ने इसे इमर्जेन्सी की संज्ञा दीं।

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