एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
मुंबई में संचालित होने वाली दुबई मूल की कंपनी अल्फ्रा इन्फ्रा ग्रुप एंड कन्स्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ 205 कामगारों व 9 पेटी ठेकेदारों का भुगतान न करने का मामला सामे आया है। भाजपा के कामगार संगठन ने इस मामले को उजागर किया है। कामगार आघाडी के महाराष्ट्र प्रदेश इकाई ने संभाजी पाटील निलंगेकर से मिलकर कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायत के मुताबिक़, यह कंपनी श्रम कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही है। सरकारी लेबर अधिकारी के दख़ल के बावज़ूद वेतन नही दिया जा रहा है। अखिल भारतीय ठेकेदार संघ व भाजपा कामगार आघाडी ने कई बार मजदूरों के वेतन की मांग कंपनी से की, लेकिन कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से हमेशा कोई न कोई बहाना बनाया जाता रहा है। कामगार मंत्री निलंगेकर ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कामगार उपायुक्त को जांच रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया है।
बता दें कि नवघर पूर्व (मुलुंड) में टाटा अवेजा कंपनी की ओर से एक व्यावसायिक इमारत (कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स) का निर्माण किया जा रहा है। टाटा आवेजा कंपनी ने दुबई की कंपनी अलफ्रा एन्फ्रा को कामगार सप्लाई का ठेका दिया है। दुबई की इस कंपनी ने बड़े पैमाने पर निर्माण क्षेत्र से जुड़े मजदूरों की आपूर्ति की थी। अल्फ्रा इन्फ्रा का एक साल का करार था, जो समाप्त हो गया है। लेकिन इस कंपनी ने आज तक 205 कामगारों व 9 पेटी ठेकेदारों के वेतन व अन्य रकम का भुगतान नहीं किया है।
कामगार संगठन के राजकुमार जायसवाल ने बताया कि इस संदर्भ में जब हमने कंपनी से बात की, तो कंपनी संचालक नितेश गंगारामाणी, कर्मचारी अशफाक मुल्ला और विशाल आस्वाणी ने बताया कि फिलहाल कंपनी आर्थिक समस्या का सामना कर रही है। कंपनी के पास कामगारों को देने के लिए फंड नहीं है। जब फंड आएगा, तब वेतन व बिलों का भुगतान कर दिया जाएगा। जायसवाल ने इसे कंपनी का बहाना बताया और माँग की कि इस मामले की गंभीर जांच की जानी चाहिए।