एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
मेहसाणा दंगा मामले में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और लाल जी पटेल को दो साल की सजा सुनाई गई है, निचली अदालत ने उन्हें ये सजा सुनाई है, पाटीदार अनामत आंदोलन के दौरान विसनगर के विधायक ऋषिकेश के दफ्तर में तोड़फोड़ के मामले में दोषी ठहराया गया है।
अदालत ने दोनों की दो साल की सजा सुनाई गयी है, अदालत ने दोनों आरोपियों को IPC की धारा 147, 148, 149, 427 और 435 के तहत दोषी करार दिया था। मेहसाणा के विसनगर में साल 2015 में हुए पाटीदार आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल और 16 अन्य के नेतृत्व में 500 लोगों ने बीजेपी विधायक के दफ्तर पर हमला किया था।
कोर्ट का यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब 25 अगस्त से हार्दिक पटेल सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अपने समुदाय के सदस्यों को आरक्षण की मांग पर जोर देने के लिए वह 25 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने जा रहे हैं।
पटेल ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर पोस्ट विडियो संदेश में कहा कि अपने समुदाय के सदस्यों के लिए आरक्षण प्राप्त करना उनकी प्राथमिक चिंता है, उन्होंने कहा, यह हमारी आखिरी लड़ाई है, या तो मैं अपनी जान दे दूंगा या हम आरक्षण प्राप्त करेंगे, इसके लिए हमें आपके समर्थन की जरूरत है, यह लड़ाई आखिरी चरण में आ गई है।
इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आर पी धोलारिया ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल की उस याचिका पर सुनवाई से आज खुद को अलग कर लिया जिसमें उन्होंने 2015 में दर्ज देशद्रोह के मामले में अपने आप को आरोप मुक्त करने का अनुरोध किया था।