एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता के खिलाफ 50 करोड़ के फर्जीवाड़े समेत कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई। यह एफआईआर डीकेएस के अधीक्षक डॉ. केके सहारे की शिकायत पर गोल बाजार थाने में हुई। पुनीत पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जी दस्तावेज से हेराफेरी करने के आरोप लगे। पुनीत डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के अधीक्षक रह चुके हैं।
शिकायत के अनुसार, डॉ. गुप्ता ने 14 दिसंबर 2015 से 2 अक्टूबर 2018 के बीच अस्पताल में गड़बड़ी की। उन्होंने नियम के विरुद्ध डॉक्टरों और अन्य स्टाफ की भर्ती की। अपात्र लोगों को भी पैसे लेकर नौकरी दी। शिकायत के बाद इस मामले की तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच की थी। इसमें पुनीत के खिलाफ 50 करोड़ की अनियमितता की बात सामने आई है। शिकायत में कहा गया है कि पूर्व अधीक्षक ने अपने पद और पहुंच का गलत फायदा उठाते हुए सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया। इससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है। कई ऐसी मशीनें खरीदी गई हैं, जिसका मरीजों से सीधा कोई वास्ता नहीं है।
जांच कमेटी के सामने पेश नहीं हुए
कमेटी का कहना है कि मशीन खरीदी की पूरी फाइल नहीं मिली है। कुछ फाइलों की जेरॉक्स कॉपी मिली थी। वहीं, चार बार रिमाइंडर भेजने के बावजूद डॉ. पुनीत कमेटी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। 50 लाख के डिमांड ड्राफ्ट आलमारी में रखे-रखे लैप्स हो गए, जो आवेदकों को भी नहीं लौटाया गया। जबकि, कई आवेदक डीडी के लिए रोज चक्कर लगा रहे हैं।
80 लाख में स्प्रिचुअल बॉडी खरीदी
अस्पताल में एक स्प्रिचुअल बॉडी 80 लाख रुपए से ज्यादा में खरीदी गई है। जानकारों के अनुसार, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में इस बॉडी का उपयोग ही नहीं है। वहीं, अस्पताल परिसर में किराए पर दी गई दुकान में भी अनियमितता सामने आई है। एक दुकान का किराया महज 5 हजार रुपए महीना है। वहीं, लांड्री और मेडिकल स्टोर के लिए ऐसी शर्तें रखी गई थीं, जिससे स्थानीय लोग बाहर हो गए।