प्रद्युम्न मर्डर केस: 76 दिन बाद घर पहुंचा अशोक, कहा, “पता था इंसाफ मिलेगा“

बस कंडक्टर अशोक को मिली ज़मानत

सौम्या केसरवानी । Navpravah.com

प्रद्युम्न मर्डर केस में गिरफ्तार आरोपी बस कंडक्टर अशोक कुमार 76 दिनों तक हिरासत में रहने के बाद अपने घर पहुंच गया है। हाल ही में कोर्ट ने उसे जमानत दे दी है।

अशोक कुमार ने रिहाई के बाद कहा, ‘मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि उसने मुझे न्याय दिया। मुझे विश्वास था कि इंसाफ जरूर होगा, हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है।’ अशोक ने एक चैनल से बात करते हुए बताया कि, ‘मुझे हिरासत में टॉर्चर किया गया, बिजली के करंट के झटके दिए गए और पुलिस ने थर्ड डिग्री देकर जुर्म कबूल करने के लिए मजबूर किया था।’

अशोक के घरवालों ने ने कहा, हमें शुरू से ही पता था कि वह निर्दोष हैं, उसने कभी अपने बच्चों पर हाथ नहीं उठाया था, तो किसी भी बच्चे की जान लेना तो बहुत दूर की बात है। आरोपी बस कंडक्टर के वकीलों ने उसकी जमानत का आदेश जेल प्रशासन को बुधवार की शाम करीब तीन बजे के बाद सौंपा और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उसे देर शाम जेल से रिहा कर दिया गया।

अशोक की घर वापसी की खुशी उसकी पत्नी के चेहरे पर साफ रही थी, उसने कहा, ‘मुझे पहले से ही पता था वो निर्दोष है, आज मेरे लिए होली और दीवाली का दिन है, मैं ही जानती हूं कैसे ये 76 दिन बीते हैं।

अशोक के वकील मोहित वर्मा ने कहा कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं था, अदालत ने अनुच्छेद 21 के तहत उन्हें जमानत दे दी है। अनुच्छेद 21 हर नागरिक को जिंदगी और स्वतंत्रता का अधिकार देता है। संदेह के लाभ के आधार पर उन्हें जमानत दी गई है, अशोक को फंसाया गया था।

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