एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई है, सुप्रीम कोर्ट ने बालिका गृह कांड से संबंधित एफआईआर में धारा 377 (रेप) और पॉस्को एक्ट को नहीं शामिल करने पर नाराजगी जाहिर की है।
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि, अगर जांच के दौरान कोर्ट को लगता है कि यह अपराध धारा 377 और पॉस्को एक्ट के तहत आता है और सरकार ने एफआईआर दर्ज नहीं किया तो कोर्ट सरकार के खिलाफ आदेश पारित करेगी।
बालिका गृह कांड पर हो रही सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बिहार सरकार क्या कर रही है? बच्चों का यौनाचार हुआ है और सरकार कह रही है कि कुछ नहीं हुआ है, सरकार ऐसा कर सकती है, यह अमानवीय है।
ज्ञात हो कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को बिहार से पटियाला जेल शिफ्ट कर दिया गया है, इसके अलावा ब्रजेश ठाकुर की राजदार मघु ने कोर्ट के समक्ष सरेंडर किया है, पूरे मामले की जांच कर रही सीबीआई ने उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।
कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार के लिए यह शर्मनाक है कि शेल्टर होम केस में अपराधियों के खिलाफ नरमी बरत रही है, कोर्ट ने सरकार से पूछा, ‘क्या बच्चे भारत के नागरिक नहीं हैं?’ बिहार सरकार ने शेल्टर होम के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं करने की अपनी गलती स्वीकार करते हुए इसे सुधारने के लिए कोर्ट से एक और मोहलत मांगी है।