सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
1991 में आगरा के बीआरओ ऑफिस में हुए सेना भर्ती घोटाले के मामले में दोषी ठहराए गए ब्रिगेडियर जगजीत सिंह समेत 13 दोषी अभियुक्तों को आज सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। मामले पर हुई बहस के बाद कोर्ट ने 13 दोषी अभियुक्तों को सज़ा सुनाई है। घोटाले में तत्कालीन ब्रिगेडियर, उनकी पत्नी, बेटी व सूबेदार मेजर समेत 13 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है।
विशेष अदालत में 27 साल पहले बीआरओ की भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले, भ्रष्टाचार व षड्यंत्र के मामले में सभी 24 आरोपी अदालत में हाजिर हुए। विशेष अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में 11 आरोपियों को बरी करने के आदेश दिए हैं।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश राजेंद्र प्रसाद की अदालत में भर्ती घोटाले के मामले में अभियुक्तों को दोषी ठहराया। अदालत में दोषी सभी अभियुक्तों को सजा सुनाने वाले लोक अभियोजक कुलदीप पुष्कर ने बताया कि आगरा में सेना के ब्रांच रिक्रूटमेंट ऑफिस की ओर से 1991 में सेना भर्ती की गई थी, इसमें काफी संख्या में परीक्षार्थियों ने आवेदन किए थे।
आरोप है कि भर्ती घोटाले में सेना के अधिकारियों की सांठगांठ से सरकारी पद का दुरुपयोग करके षड्यंत्र के तहत फर्जीवाड़ा किया गया था, परीक्षार्थियों के उतर पुस्तिका तक बदल डाले गए अथवा उनकी कापियां दूसरों से लिखवाई गई थी।
फर्जीवाड़ा उजागर होने पर बीआरओ ने संदिग्ध कापियों को चिह्नित किया और उनके अभ्यर्थियों से पुष्टिकारक टेस्ट कराया गया था। परीक्षा देने वाले फेल हो गए थे। मामले में 1993 में सीबीआई ने देहरादून में केस दर्ज हुआ था, साल 2000 में चार्जशीट दाखिल की गई थी।