अनुज हनुमत | Navpravah.com
लखनऊ में नई सरकार आने के साथ ही प्राइवेट प्रैक्टिस कर मोटी कमाई करने वाले सरकारी डॉक्टरों के अच्छे दिन खत्म होते दिख रहे हैं। सूत्रों की मानें तो सरकार ने प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों की लिस्ट प्रदेश के सभी सीएमओ से मांगी है।
आपको बता दें कि चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि प्राइवेट प्रैक्टिस में लिप्त सरकारी डॉक्टरों को किसी दशा में बख्शा नहीं जाएगा। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा और स्वास्थ्य अरुण कुमार सिन्हा ने भी निर्देश दिए कि जिन डॉक्टरों के बारे में प्राइवेट प्रैक्टिस की जानकारी है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
बुधवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के केजीएमयू में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि डॉक्टरों को मरीजों के प्रति अधिक संवेदनशील होकर काम करना चाहिए और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं ही हमारी सरकार का लक्ष्य हैं। योगी ने डॉक्टरों को पैसे की जगह सेवा के लिए काम करने की सीख दी थी। साथ ही उन्होंने डॉक्टर्स को मरीजों के साथ नरमी बरतने और बाहर प्रैक्टिस न करने की हिदायत दी।
सीएम योगी के इस संदेश के बाद से ही माना जा रहा था कि ऐसे डॉक्टरों पर गाज गिरना तय है। आपको बताते चले कि बीते कई महीनों से बुन्देलखण्ड के चित्रकूट धाम मंडल में कई सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते पकड़े गये थे। सबसे ज्यादा स्थिति चित्रकूट जिले की दयनीय है, जहाँ आये दिन डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मरीज अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। लेकिन अब लोगों को आशा है कि योगी सरकार में स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी होंगी। आपको बताते चले कि सूबे में स्वास्थ्य विभाग की लचर और बदहाल व्यवस्था का सबसे बड़ा कारण यहाँ डॉक्टरों की भारी कमी है। अस्पतालों के नाम पर आपको सिर्फ इमारत ही नजर आएंगी, डॉक्टर बहुत कम संख्या में ही दिखेंगे।