एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा की ओर से मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल खड़े करने के बाद उठा राजनीतिक गुबार अभी शांत भी नहीं हुआ कि सिन्हा ने अब मोदी की कश्मीर नीति को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। एक वेबसाइट को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी के लोगों को हम भावनात्मक रूप से गंवा चुके हैं|
यशवंत सिन्हा ने कहा, मैंने जम्मू-कश्मीर के आमलोगों में अलग-थलग पडऩे का भाव देखा है। ये बात मुझे सबसे ज्यादा परेशान करती है। कश्मीर घाटी में जाने पर आपको साफ महसूस होगा कि उन्हें हम पर भरोसा नहीं रह गया है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर अपनी चिंताएं उन्हें बताना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 10 महीने पहले मुलाकात का समय मांगा था, जो उन्हें अब तक नहीं मिला। उन्होंने कहा, मैं जबसे सार्वजनिक जीवन में आया हूं, राजीव गांधी समेत किसी भी प्रधानमंत्री ने मुझे मुलाकात का समय देने से इनकार नहीं किया। ये मेरे अपने प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने मेरे साथ ऐसा बर्ताव किया। इससे मुझे बेहद दुख हुआ है, इसलिए अब अगर कोई मुझे फोन करके बातचीत के लिए बुलाएगा, तो मैं कहूंगा, माफ कीजिए, वो वक्त अब निकल चुका है।
इससे पहले देश में मंदी के हालात और सरकार की आर्थिक नीतियों पर सिन्हा ने सवाल उठाए थे। एक अंग्रेजी में लिखे लेख में उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी आड़े हाथों लिया था। उन्होंने लिखा था, प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उन्होंने काफी करीब से गरीबी को देखा है, उनके वित्त मंत्री इस बात के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं कि देश का हर नागरिक भी गरीबी को करीब से देखे।
यशवंत सिन्हा ने फिर कहा कि मुद्रा बैंक जैसी योजनाओं की कामयाबी के मोदी सरकार के दावे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुद्रा स्कीम वाजपेयी सरकार के दौरान शुरू की हुई प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना का ही दूसरा नाम है। इसके तहत दिए गए कर्ज की औसत रकम आज सिर्फ 11 हजार रुपये है आप ही बताइए इतनी कम रकम से कौन सा बिजनेस खड़ा हो सकता है?