एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
दिल्ली सरकार के संवैधानिक अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और कांग्रेस न्याय प्रकोष्ठ के प्रमुख विवेक तंखा ने एक निजी चैनल से बात करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि, इस फैसले के बाद सिविल सर्विस पुलिस और भूमि संबंधी मामलों के अलावा अन्य सभी मामलों में दिल्ली की चुनी हुई सरकार को उसी तरह काम करने का अधिकार होगा, जिस तरह का अधिकार देश के अन्य राज्यों की सरकारों को है।
उन्होंने कहा की यह धारणा गलत थी कि दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने के बाद चुनी गई सरकार और उसके मुख्यमंत्री के अधिकार बहुत सीमित हैं और प्रदेश का सारा प्रशासनिक अधिकार उपराज्यपाल के पास है।
क्या यह फैसला दिल्ली हाईकोर्ट के 2016 के फैसले के उलट है ये सवाल के जवाब पर, तन्खा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान में वर्णित उपराज्यपाल और कैबिनेट के अधिकारों की व्याख्या की है, असल में यह एक बीच का रास्ता है, जाहिर है सिविल सर्विस पुलिस और भूमि के मामलों में उपराज्यपाल पहले की तरह ही फैसले लेते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से दूरगामी परिणाम निकलेंगे, दिल्ली के अलावा दूसरे अर्ध राज्यों में भी इस फैसले को नजीर माना जाएगा, उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में दिल्ली की जनता को केंद्र में रखा है, क्योंकि संविधान के केंद्र में हम भारत के लोग ही तो हैं।