सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
यूपी पुलिस की इमरजेंसी सेवा यूपी-100 रविवार को सवा दो घंटे से ज्यादा ठप रही, मुसीबत में फंसे लोग 100 नंबर मिलाते रहे, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। आनन-फानन में यूपी 100 की ओर से वैकल्पिक नंबर 1073 बताया गया, लेकिन उस पर भी बार-बार मिलाने पर कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला।
रविवार शाम करीब पांच बजे अचानक यूपी-100 की सेवाएं ठप हो गईं, मदद के लिए लोगों ने जब 100 नंबर मिलाया तो उन्हें तकनीकी समस्या बताई गई और 1073 पर डायल करने का मेसेज दिया गया। जब लोगों ने 1073 मिलाया तो वह भी लगातार व्यस्त बताता रहा।
बताया जा रहा कि संडे होने की वजह से कोई अधिकारी मौजूद नहीं था, इतनी देर से सेवाएं बाधित होने के बाद भी न ही यूपी 100 के प्रभारी एडीजी अनिल अग्रवाल पहुंचे और न ही उनका कोई और पहुंचा।
मुख्यालय में मौजूद पुलिसकर्मियों ने बताया कि इस दौरान यहां सिर्फ इंस्पेक्टर स्तर के लोग मौजूद हैं।
हालांकि अनिल अग्रवाल का दावा है कि ऐसा नहीं है, एसपी स्तर का एक अधिकारी चौबीस घंटे वहां मौजूद रहता है और अगर ऐसा हुआ है तो जिस अफसर की वहां ड्यूटी थी उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
यूपी-100 की शुरुआत के समय प्रभारी एडीजी अनिल अग्रवाल और सलाहकार वेंकट चंगावल्ली ने दावा किया था कि किसी भी आपात स्थिति में यूपी 100 की सेवाएं नहीं रुकेंगी। सेवाएं बाधित न हों इसलिए अलग-अलग मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों की सेवाएं ली गई हैं, लेकिन सेवा शुरू होने के बाद आए पहले झटके में ही यूपी 100 की तैयारियों की पोल खुल गई।
रविवार के दिन यूपी-100 में सबसे ज्यादा मदद के लिए कॉल आती हैं, वैसे हर दिन औसतन यूपी 100 में 13 हजार से 15 हजार कॉल आती हैं रविवार को इनकी संख्या 20 से 24 हजार हो जाती है।
यूपी 100 की शुरुआत के दौरान गाजियाबाद और इलाहाबाद या वाराणसी में से एक जगह दो मिरर कंट्रोल रूम बनाने का दावा किया गया था, लेकिन सेवा शुरू हुए आठ माह से ज्यादा बीत चुके हैं पर अभी तक ये कंट्रोल रूम शुरू नहीं किए जा सके हैं।