लखनऊ मेट्रो को आज मिल सकता है ‘ग्रीन सिग्नल’!

सौम्या केसरवानी । Navpravah.com

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को बहुत जल्द मेट्रो की सुविधा मिल सकती है। सूत्रों की मानें तो सोमवार 14 अगस्त को लखनऊ मेट्रो के लिए ‘जजमेंट डे’ साबित हो सकता है। इसी क्रम में शनिवार को LMRC के MD ने चारबाग से हजरतगंज तक के निर्माण का जायजा लिया था।

ट्रायल के दौरान मेट्रो को तकरीबन 80 किमी/घंटे की रफ़्तार से दौड़ाया जायेगा।  यह ट्रायल ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग के बीच किया जायेगा। आखिरी ट्रायल के बाद लखनऊ मेट्रो को हरी झंडी दिखाई जा सकती है।

MD ने बताया कि, जल्द ही गोमती पर स्पेशल स्पैन का काम शुरू किया जायेगा, चारबाग रैंप सेक्शन में 60 डायाफ्राम वाल, हुसैनगंज मेट्रो स्टेशन में 30 डायाफ्राम वाल, सचिवालय में 120, हजरतगंज में 125, रैंप सेक्शन हजरतगंज पर 143 डायाफ्राम वाल होंगी।

गौरतलब है कि, हजरतगंज मेट्रो स्टेशन भूमिगत बनाया जायेगा, इसके साथ ही स्टेशन में 2 कमर्शियल एरिया भी बनाये जायेंगे, पहले एरिया एंट्री लेवल पर और दूसरा कॉनकोर्स लेवल पर होगा, वहीँ गोमती मशीन को सचिवालय तक लाने में करीब 20 दिन का समय लगेगा।

लखनऊ मेट्रो का शुक्रवार को ट्रायल रन किया गया था, यह ट्रायल रन सरोजनी नगर से चारबाग टर्मिनल तक किया गया था। लोगों ने जब सरोजनीनगर मेट्रो टर्मिनल से लेकर चारबाग के बीच मेट्रो को दौड़ता देखा, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

ट्रायल रन के दौरान लखनऊ मेट्रो के जनरल मैनेजर सुशील कुमार समेत मेट्रो के तमाम बड़े अधिकारी मौजूद थे, लखनऊ मेट्रो के जनरल मैनेजर सुशील कुमार ने बताया, यहां पर आज पटरियों के उपर लोड डिफ्लेक्शन टेस्ट भी कराया गया। इसके लिए कुल आठ कोच लाये गये थे, जिनका वजन 64 क्विंटल था। इस तरह 512 क्विंटल का वेट पटरियों पर रखकर टेस्ट किया गया।

लखनऊ मेट्रो ट्रेन में ड्राइविंग कैब बायीं तरफ है, इसमें एक इमरजेंसी डोर भी होगा। ड्राइवर सभी बोगियों के यात्रियों के अलावा डिपो, स्टेशन और कंट्रोल रूम के संपर्क में भी रहेगा। ट्रेन में ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम लगाया गया है।
LMRC के मुताबिक, ड्राइवर से कोई गलती होने पर ट्रेन ऑटोमेटिक मोड पर चली जाएगी,.साथ ही ड्राइवर को यह भी पता चल जाएगा कि क्या गलती हुई।

पहले और चौथे कोच में 43 यात्रियों के बैठने और 220 यात्रियों के खड़े होने भर की जगह है।
बीच के दो डिब्बों में 50 यात्री बैठ सकेंगे जबकि 220 यात्रियों के खड़े होने भर की जगह है। इस लिहाज से मेट्रो रेल में एक बार में 1066 यात्री सफर कर सकेंगे।

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