सौम्या केसरवानी | Navpravah.Com
50 करोड़ मोबाइल यूजर्स के नंबर बंद होने की खबरों से यदि आप भी परेशान हैं तो यह खबर आपको राहत देगी, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन और यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने संयुक्त बयान जारी कर मीडिया में चल रही ऐसी किसी भी प्रकार की खबरों को खारिज कर दिया है।
यूआईडीएआई के बयान में कहा गया है कि, इस तरह की खबरें केवल मोबाइल उपभोक्ताओं के अंदर एक भय का वातावरण तैयार कर रही हैं इसमें कोई सच्चाई नहीं है, लोगों को ऐसी खबरों पर यकीन नहीं करना चाहिए।
इससे पहले खबर खबर आई थी कि देश के 50 करोड़ मोबाइल यूजर्स के नंबर बंद हो सकते हैं, मीडिया रिपोटर्स में बताया गया कि, यह खतरा उन मोबाइल यूजर्स के लिए है जिन्होंने कनेक्शन लेने के दौरान आधार कार्ड के अलावा अन्य कोई पहचान पत्र नहीं दिया है।
आपको बता दें पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने आधार को लेकर अपना फैसला सुनाया था, इस फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा था कि, कोई भी निजी कंपनी किसी व्यक्ति के यूनिक आईडी का इस्तेमाल पहचान के लिए नहीं कर सकती है, इस फैसले के बाद केंद्र सरकार ने फैसला किया कि टेलीकॉम कंपनियों को नए सिरे से केवाईसी प्रक्रिया पूरा करने की मोहलत दी जाएगी।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार, बुधवार को टेलीकॉम सेक्रेटरी अरुण सुंदरराजन ने सेवाप्रदाता कंपनियों से भी मुलाकात की थी और ऑथेंटिकेशन के किसी दूसरे तरीकों पर विचार किया था।
सुंदरराजन ने बताया था कि, इस विषय को लेकर सरकार गंभीर है और इससे निकलने के लिए दूसरे विचारों पर चर्चा हो रही है, उन्होंने बताया कि सरकार चाहती है कि नई प्रक्रिया के कारण लोगों को परेशान न होना पड़े।
केवाई सी प्रक्रिया में बदलाव के बाद लोगों के बीच यह चर्चा थी कि अगर ऐसा हुआ तो सबसे ज्यादा परेशानी जियो यूजर्स को होगी, क्योंकि रिलायंस JIO ने आधार कार्ड के जरिये सबसे ज्यादा मोबाइल कनेक्शन बांटे हैं, JIO का पूरा डेटाबेस और नेटवर्क ऑपरेशन बायोमिट्रिक पहचान पर आधारित है।