अमित द्विवेदी,
केरल के आईपीएस अधिकारी ऋषिराज सिंह द्वारा दिए गए ’14 सेकेंड्स’ वाले बयान पर शिवसेना ने पलटवार किया है। सिंह ने कहा था कि किसी महिला को 14 सेकेंड तक घूरने पर जेल हो सकती है। पार्टी ने उनकी खिंचाई करते हुए पूछा है कि महिला को 13 सेकेंड तक घूरने पर क्या ? शिवसेना ने यहां तक पूछ दिया है कि यदि किसी ने ‘काला चश्मा’ (गॉगल) लगाकर 14 सेकेंड घूर लिया, तब क्या होगा 14 सेकेंड के कानून का?
शिवसेना ने कहा कि घूरने और अपराध को अंजाम देने में बहुत बड़ा अंतर है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा, “अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को 14 सेकेंड की बजाय 13 सेकेंड तक घूरता है तो क्या उसको संदेह का लाभ दिया जाएगा?”
शिवसेना ने कहा है कि देश की महिलाएं अब फौज में शामिल हो रही हैं। ऐसे में वे अपनी सुरक्षा करने में खुद ही सक्षम हैं और ऐसे कानूनों की कोई जरूरत नहीं है। शिवसेना ने महिलाओं पर अत्याचार की बात स्वीकारी है लेकिन साथ में यह भी कह दिया है कि पुरुषों पर भी अत्याचार हो रहा है।
सामना में राष्ट्रपति की बेटी शर्मिष्ठा के उस कदम की भी प्रशंसा की गई है, जिसमें उन्होंने एक शख्स की गंदी हकरकों का खुसाला सोशल मीडिया पर कर डाला था। शिवसेना ने किसी तरह की छेड़खानी, सोशल मीडिया पर अश्लील संदेश भेजने आदि पर कड़ी कार्रवाई को उचित बताया है लेकिन, 14 सेकेंड घूरने पर अपराधी घोषित किए जाने को अति बताया है। सामना में दावा किया गया है कि इस तरह का कानून यदि हुआ भी तो महिलाएं खुद इसका समर्थन नहीं करेंगी।