शिखा पाण्डेय । Navpravah.com
बॉलीवुड जगत ने ‘मेरे हुज़ूर‘, ‘निकाह’, ‘हलाल’, ‘चौदहवीं का चांद’, ‘ट्रिपल तलाक’ जैसी तमाम फिल्मों के द्वारा तीन तलाक या हलाला जैसे ज्वलंत मुद्दे अपनी फिल्म में दर्शाए। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिपल तलाक़ को असंवैधानिक करार देते ही खबर आई कि बॉलीवुड की एक बहुत बड़ी हस्ती, मशहूर अभिनेत्री मीना कुमारी अपने व्यक्तिगत जीवन में ‘हलाला’ नामक इस नर्क से गुज़र चुकी थीं।
डीएनए, इंडिया टीवी, इंडियन एक्सप्रेस जैसे बड़े न्यूज़ पोर्टल्स में भी खबर थी कि ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी ने अपने वास्तविक जीवन में तीन तलाक व हलाला का दर्द झेला था और शायद इसी सदमे ने अंततः उनकी जान भी ले ली। खबर की पड़ताल करने पर जो सच सामने आया है, वो आपको चौंका देगा, क्योंकि यह खबर महज़ एक अफवाह साबित हुई है।
कल सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को हमेशा के लिए अवैध घोषित कर दिया। कोर्ट ने संसद के नये कानून बनाने तक तीन तलाक पर रोक लगा दी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब तक तीन तलाक व हलाला का दर्द झेल चुकी महिलाओं को कम से कम इस बात की संतुष्टि है, की जो अत्याचार उनके खिलाफ हुआ, वो और किसी के साथ नहीं होगा।
क्या थी मीना कुमारी के ‘हलाला’ से जुड़ी खबर-
अभिनेत्री मीना कुमारी ने रुपहले पर्दे पर हर किरदार को बखूबी जिया और दर्शकों का दिल जीता, लेकिन उनके निजी जीवन की कहानी बहुत दर्दनाक थी, जिसने उनके अस्तित्त्व को तितर-बितर कर दिया। मीना कुमारी ने फिल्म ‘पाकीजा’ के निर्देशक कमाल अमरोही से निकाह किया था। दोनों के बीच प्यार तो बहुत गहरा था, लेकिन एक बार कमाल अमरोही ने गुस्से में आकर मीना कुमारी को तीन बार ‘तलाक’ बोल दिया। अब इस्लाम के हिसाब से दोनों का तलाक हो गया। बाद में गुस्सा शांत होने पर कमाल अमरोही को अपने किये पर पछतावा हुआ और उन्होंने मीना कुमारी से दोबारा निकाह करना चाहा। तब इस्लामी धर्म गुरुओं ने बताया कि इसके लिए पहले मीना कुमारी को ‘हलाला’ करना पड़ेगा। तब कमाल अमरोही ने मीना कुमारी का निकाह अमान उल्ला खान (जीनत अमान के पिता) से करवाया और मीना कुमारी को अपने नये शौहर के साथ हमबिस्तर होना पड़ा। एक औरत, जिसने अपने पति को ही अपना तन-मन-धन सौंपा था और सब कुछ माना था, अपने पति के प्रेम में विवश होकर उसने ‘हलाला’ झेल तो लिया, लेकिन उसके नारीत्व को गहरी चोट लगी।
इसके बाद अमान उल्ला खान ने मीना कुमारी को तलाक दिया और फिर कमाल अमरोही ने दोबारा मीना कुमारी से निकाह किया। मीना कुमारी ने खुद अपना दर्द कुछ इन शब्दों में बयां किया था, “जब धर्म के नाम पर मुझे अपने जिस्म को किसी दूसरे मर्द को सौंपना पड़ा, तो फिर मुझमें और वेश्या में क्या फर्क रहा?” इस घटना के बाद मीना कुमारी पूरी तरह से टूट गईं और यहीं से उन्हें शराब की लत लग गई। यही मानसिक तनाव और शराब उनकी मौत का कारण बने और उन्होंने सिर्फ 39 साल की उम्र में साल 1972 में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
क्या है वास्तविकता-
खबर की पड़ताल से जानकारी मिली है कि कमाल अमरोही एक शिया मुस्लिम थे और शिया मुस्लिम तीन तलाक को मानते ही नहीं। शिया औरत और मर्द को समानता का अधिकार देता है। शिया हमेशा से ट्रिपल तलाक का विरोध करता आया है। आपको बता दें कि मीना कुमारी से संबंधित हलाला वाली यह खबर फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल साइट्स पर आए एक आर्टिकल से बनाई गई है, जो मात्र एक अफवाह है।
क्या है ‘हलाला’-
वर्तमान मुस्लिम पर्सनल लॉ के प्रावधानों के अनुसार अगर किसी मुस्लिम महिला को उसके शौहर ने तलाक दे दिया है और वह अपने उसी शौहर से दोबारा निकाह करना चाहती है, तो इसके लिए पहले उसे किसी और शख्स से शादी करनी पड़ती है और उसके साथ हमबिस्तर भी होना पड़ता है। इसके बाद ही वह इस पति से तलाक लेकर दोबारा अपने पुराने पति से निकाह कर सकती है। इसे निकाह हलाला कहते हैं।