एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
मोसुल में 40 लापता भारतीयों में से 39 मारे गए हैं। इनमें से एक व्यक्ति हरजीत मसीह मुस्लिम बनकर आईएसआईएस के चंगुल से निकल भागा था। मारे गए 39 लोगों में से 38 शवों का डीएनए सैंपल मैच हो गया है।
राज्यसभा में इस विषय में जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दी है। उनके अनुसार इराक में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने इन सभी का पहले अपहरण किया और उसके बाद मारकर दफना दिया।
मृतकों में से 31 पंजाब, 4 हिमाचल और बाकी पश्चिम बंगाल-बिहार के हैं। स्वराज ने यह भी कहा कि इनके साथ बांग्लादेशियों को भी पकड़ा गया था लेकिन उनको छोड़ दिया गया।
सुषमा स्वराज ने बयान में यह भी कहा कि जनरल वीके सिंह मृतकों के शवों को लेने के लिए इराक जाएंगे, जिस प्लेन में इनको लाया जाएगा, वह सबसे पहले अमृतसर, उसके बाद पटना और कोलकाता जाएगा।
इससे पहले पिछले साल इन लोगों के मारे जाने के संबंध में कई रिपोर्ट आई थीं। इसके जवाब में 26 जुलाई को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में बयान देते हुए कहा था कि इराक में लापता भारतीयों के मारे जाने के सबूत नहीं मिले हैं। मैंने लापता भारतीयों के मामले में कभी देश को गुमराह नहीं किया है।
सुषमा ने कहा कि इराक ने कभी नहीं कहा कि लापता भारतीय मारे गए है। उस वक्त सुषमा ने ये भी बताया था कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि लापता भारतीय बदरूस जेल में बंद थे। उन्होंने कहा कि बिना ठोस सबूत के किसी को मृत घोषित करना पाप है।