एनपी न्यूज़ नेटवर्क्स | Navpravah.com
‘पद्मावती’ फिल्म को लेकर छिड़े विवाद के बीच कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और नेताओं के बयानों पर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई है। शीर्ष अदालत ने बयानबाजी करने वाले नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि जब यह फिल्म मंजूरी के लिए लंबित है, तब सार्वजनिक पदों पर बैठे लोग कैसे यह बयान दे सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसा करने से सेंसर बोर्ड का निर्णय प्रभावित होगा। राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात के मुख्यमंत्री फिल्म ‘पद्मावती’ को अपने राज्यों में रिलीज न होने देने का ऐलान कर चुके हैं।
दूसरे देशों में 1 दिसंबर को फिल्म को रिलीज करने की खबरों को गलत करार दिया गया है, सुप्रीम कोर्ट ने पद्मावती के निर्माता-निर्देशक पर आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की वकील एम. एल. शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया है। शर्मा ने फिल्म की रिलीज पर ही रोक लगाने की मांग की थी।
अदालत ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को कानून का पालन करना चाहिए और ऐसी किसी फिल्म पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, जिसे सेंसर बोर्ड से मंजूरी नहीं मिली हैं।