सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
आज सर्वोच्च न्यायालय ने निजता के अधिकार (Right of Privacy) को मौलिक अधिकार (Fundamental Right) करार दिया है। 9 जजों की बेंच से सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है, इस फैसले के बाद देश के किसी भी नागरिक की निजी जानकारी सबके सामने नही आ सकेगी।
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केन्द्र सरकार को झटका लगा है, सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला आधार योजना के खिलाफ दायर याचिका पर दी है।
निजता के अधिकार का मामला सामने तब आया जब कई सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकार ने आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया था, याचिका में आधार योजना की वैधता को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि यह निजता के अधिकार का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आधार, पैन, क्रेडिट कार्ड में दी गई जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जा सकेगा।
कांग्रेस ने निजता के अधिकार के फैसले की सराहना की है, और कहा कि इस फैसले से केंद्र सरकार के निजता के अधिकार को कम करने के प्रयासों पर पानी फिर गया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, “स्वतंत्रता की बड़ी जीत हुई है, हम इस फैसले का स्वागत करते हैं।