‘काला चश्मा’ गीत वास्तव में कपूरथला की पुलिस लाइन में तैनात जवान अमरीक सिंह शेरा द्वारा सन् 1990 में लिखा गया था। आपको बता दें कि शेरा जितने मुस्तैद सिपाही हैं, उतने ही अच्छे गीतकार भी हैं।
शेरा के लिखे कई गाने हिट हो चुके हैं, हालांकि कभी उन्हें उनके गानों की उचित कीमत नहीं दी गई। अब हाल में रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्म ‘बार बार देखो’ को ही देख लीजिये। फिल्म भले ही बहुत ज़्यादा कमाल न दिखा पाई हो, पर ‘काला चश्मा’ लोगों के दिलों में छा गया है। फिल्म करोड़ों का बिजनेस भी कर चुकी है, लेकिन आप सुनकर हैरान रह जायेंगे कि इस गीत के बदले शेरा को दिए गए हैं मात्र 11000 रुपये।
शेरा ने बताया कि इस गाने को फिल्म में चलाए जाने की सच्चाई उनसे छिपाकर रखी गई। उन्होंने बताया कि मुंबई से आए कुछ लोगों ने बताया कि यह गाना एक सीमेंट फैक्ट्री के ईवेंट में गाया जाएगा और इसके लिए केवल 11000 रुपये में एग्रीमेंट साइन करवा लिया। फिल्म में अपना गाना धोखे से लिए जाने को लेकर उन्हें अफसोस है, लेकिन गाने के सफलता से वह खुश भी हैं।
अमरीक ने यह गीत लिखने के में विषय में बताया कि 1990 में जब वह 9वीं कक्षा में पढ़ रहे थे तब एक बार अपने दोस्त के साथ चंडीगढ़ गए थे। वहां उन्होंने एक खूबूसरत लड़की को देखा, जिसने आंखों पर काला चश्मा लगाया हुआ था और चंडीगढ़ का एक पुलिस आरक्षक उसे बहुत गौर से देख रहा था। उन्होंने तुरंत उस पल को मन में कैद कर उस पर गाना लिख दिया।
वर्ष 2010 से पंजाब पुलिस जॉइन करने वाले शेरा ने बताया कि इस गाने को लेकर वह कई नामचीन कलाकारों के पास गए, अंत में अमर अर्शी ने इस गाने को स्टेज पर गाया। बाद में 1990 में ही यह गाना इंग्लैंड में वीआईपी कंपनी ने रिकॉर्ड किया और 1994 में भारत में केट्रेक कम्पनी ने इसे फिर रिकॉर्ड किया। इसके बाद शेरा ने कई हिट गाने लिखे लेकिन मेहनताना नहीं मिलने के चलते उन्होंने लेखन का काम बंद कर दिया। शेरा ने बताया कि इस गाने के चलते कई लोगों ने उनसे संपर्क किया है और उन्हें कई ऑफर मिल रहे हैं।