अमित द्विवेदी,
केंद्र सरकार के 500 और 1000 के नोट बंद करने के फैसले का विरोध तेज़ होता दिख रहा है। सोमवार को कोलकाता में कुछ लोग सड़क पर भी उतर आए। जानकारी के मुताबिक़, सोमवार 14 नवंबर को सोसलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया के समर्थकों ने मोदी के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया। यही नहीं प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला भी जलाया।
केंद्र सरकार के नोट बंदी फैसले को लेकर विरोध तो कई राजनीतिक पार्टियों ने किया लेकिन यह पहली पार्टी है, जिसने सड़क पर रैली निकाली और पीएम का पुतला जलाया। प्रदर्शन में शामिल पार्टी के सचिव सुमैन बसु ने कहा, ‘केंद्र सरकार को नोटबंदी के फैसले से पहले उचित कदम उठाने चाहिए थे। आम लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। मरीजों के परिवार की हालत खराब है। पैसे होते हुए भी लोग परेशान हैं कि उनके परिवार के सदस्य का इलाज कैसे हो!
प्रदर्शन के दौरान बसु ने कहा, “अगर ममता उनकी पार्टी के लोगों को उनके साथ आने के लिए कहेंगी तो वह जरूर उनका साथ देंगे।” गौरतलब है कि ममता बनर्जी एनडीए सरकार के इस फैसले का पहले ही विरोध कर चुकी हैं।
हालाँकि नोट बंदी से आम आदमी परेशान न हो, सरकार इसकी पूरी कोशिश में है, लेकिन एटीएम में पैसे की कमी और बैंकों के बाहर लगी लंबी कतारों से जनता की परेशानियों का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। केंद्र सरकार ने जनता को राहत देने के लिए एटीएम से निकाले जा सकने वाली धनराशि में भी आवश्यक इज़ाफ़ा किया है। और पुराने नोटों की स्वीकार्यता की अवधि भी बढ़ाकर 24 नवंबर कर दी है।