अब्दुल फ़हद,
वर्ल्ड ब्रेस्ट फीडिंग ट्रेंड इनिसिएटिव के सर्वे में पता चला है कि भारत के राज्य तमिलनाडू में छह महीने तक स्तनपान कराने वाली महिलाओं की संख्या में कमी पाई गई है। जबकि समूचे भारत में 2012 के बाद से ब्रेस्ट फीडिंग (स्तनपान) की तरफ महिलाओं का रुझान काफी बढ़ा है और महिलाएं स्तनपान के लिए काफी जागरुक भी हुई हैं।
2015 की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण भारत में तमिलनाडु 18.8 फीसदी के साथ स्तनपान के मामले में सबसे पीछे है, जबकि अन्य राज्य केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश 22 फीसदी के साथ तमिलनाडु से आगे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, बच्चे के जन्म के पहले दिन से लेकर छह महीने तक स्तनपान कराना बहुत जरूरी होता है। स्तनपान में लापरवाही की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। तमाम जागरूकता अभियान के बावजूद तमिलनाडु में स्तनपान के औसत में आ रही गिरावट चिंताजनक है।