सौम्या केसरवानी
बसपा सुप्रीमो मायावती पर अभद्र टिप्पणी के आरोप में गिरफ्तार व रिहा किए गए दयाशंकर सिंह ने मायावती को अपनी पत्नी के मुकाबले चुनाव लड़ने की खुली चुनौती दी है। इतना ही नहीं, सिंह ने मायावती द्वारा कथित रूप से चुनाव के टिकट बेचे जाने की सीबीआई जांच की भी मांग की है।
सिंह ने मायावती पर चुनाव के टिकट बेचने का आरोप दोहराते हुए इसकी सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो वह इसके लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।अपनी जमानत पर रिहाई के बाद पहली बार संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा ‘‘मायावती चुनाव लड़ने के लिये उत्तर प्रदेश में कोई भी सामान्य सीट चुन लें। मैं अपनी पत्नी को वहीं से चुनाव लड़ाऊँगा।’’
सिंह ने कहा कि अपनी गलती पर उन्होंने माफी मांगी और सजा के तौर पर उन्हें बीजेपी से निकाल भी दिया गया लेकिन मायावती को इससे भी संतुष्टि नहीं मिली और उन्होंने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया।
सिंह ने कहा कि मायावती के प्रति विवादित टिप्पणी का उनकी नाबालिग बेटी, बूढ़ी मां और पत्नी से कुछ लेना-देना नहीं था लेकिन इसके बावजूद मायावती के इशारे पर पूरी योजना से उनके सेनापति नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने उन्हें गाली दी।
बीजेपी के निष्कासित सिंह ने आरोप लगाया कि उनके साथ अपराधियों जैसा बर्ताव किया गया। ऐसी सरगर्मी से तलाश की गयी, जैसे कि दाउद इब्राहीम को ढूंढा जा रहा हो, जबकि उनसे भी बड़ा अपराध करने वाले बीएसपी नेता खुलेआम घूम रहे हैं।
गौरतलब है कि दयाशंकर सिंह ने गत 19 जुलाई को मऊ में संवाददाताओं से बातचीत में बीएसपी प्रमुख मायावती के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल किया था। इस मामले में उनके खिलाफ 20 जुलाई को लखनऊ के हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। विवाद के मद्देनजर सिंह को बीजेपी से छह साल के लिये निष्कासित भी कर दिया गया था।
मायावती पर टिप्पणी से नाराज बीएसपी कार्यकर्ताओं ने 21 जुलाई को लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान सिंह की मां, पत्नी और बेटी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक नारे लगाये थे। लखनऊ पुलिस और एसटीएफ ने 25 जुलाई को सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद उन्हें 29 जुलाई को बिहार के बक्सर जिले में गिरफ्तार किया था। उन्हें मउ की एक अदालत ने कल जमानत दे दी थी।