एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
महाराष्ट्र के एक पत्रकार बंधुराज संभाजी लोने ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर न्यायाधीश लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग की है। इस याचिका के बाद ही सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले के न्यायाधीश बीएच लोया की मौत की जांच का मामला सर्वोच्च न्यायालय पहुँच गया है। अब सर्वोच्च न्यायालय भी इस मामले की सुनवाई को लेकर तैयार हो गया है और सर्वोच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई शुक्रवार से करेगा। न्यायाधीश लोया की मौत को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले को लेकर बॉम्बे उच्च न्यायालय में भी एक याचिका दायर की गई थी।
दरसल 2005 में सोहराबुद्दीन शेख और उनकी पत्नी कौसर बी को गुजरात पुलिस ने हैदराबाद से अगवा किया था। आरोप लगाया था कि दोनों को मुठभेड में मार डाला गया। वहीं शेख के साथी तुलसीराम प्रजापति को भी 2006 में गुजरात पुलिस द्वारा मार डाला गया था। प्रजापति को सोहराबुद्दीन मुठभेड़ का प्रमुख गवाह मना जा रहा था।
इस केस के ट्रायल को सर्वोच्च न्यायालय ने 2012 में महाराष्ट्र ट्रांसफर कर दिया था और 2013 में सर्वोच्च न्यायालय ने प्रजापति और शेख के केस को एक साथ जोड़ दिया था। पहले इस केस पर न्यायाधीश जेटी उत्पत सुनवाई कर रहे थे, लेकिन आरोपी अमित शाह के पेश न होने पर नाराजगी जाहिर करने पर उनका तबादला कर दिया गया था। बाद में इस मामले की कमान न्यायाधीश बीएच लोया के हाथों में सौंप दी गई थी और नवंबर 2014 में नागपुर में उनकी मौत हो गई थी।