एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
सोशल मीडिया आज हम सबकी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है, सोशल मीडिया का हर कोई अपनी-अपनी तरह से इस्तेमाल कर रहा है, कुछ अपने बिजनेस के लिए, तो कुछ सिर्फ मस्ती के लिए, लेकिन इसी बीच सोशल मीडिया ने बिछड़े लोगों को मिलाने का काम किया है।
राजस्थान के सीकर का ऐसा ही एक मामला सामने आया है, फेसबुक ने एक बेटे को अपने परिवार से मिलवा दिया है, सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ कस्बे में 13 साल बाद बेटा घर लौटा, इतने लंबे वक्त बाद अपने बेटे को देख मां की आंखे भी छलक उठी।
लक्ष्मणगढ़ कस्बे के वार्ड 16 निवासी माया देवी का 10 वर्षीय बेटा विमल जोशी उर्फ बंटी 20 फरवरी 2005 को घर के बाहर खेल रहा था, तब से बंटी अचानक लापता हो गया था, बहुत ढूंढने पर भी वो नही मिला था।
13 साल बाद वर्ष 2018 में बंटी ने अपने चचेरे भाई गौरव जोशी से फेसबुक पर सम्पर्क किया, शुरुआत में तो गौरव को लगा कि कोई बंटी नाम का लड़का होगा, मगर बंटी ने उसे पूरी कहानी बताई।
उसने बताया कि उसे सब कुछ याद है, मगर वह परिजनों के डर के कारण घर नहीं आ रहा, उसके बाद बंटी और गौरव ने एफबी पर मोबाइल नम्बरों का आदान प्रदान किया, गौरव के समझाने के बाद बंटी 4 जुलाई को घर लौट आया।
घर लौटने के बाद बंटी ने बताया कि वर्ष 2005 में 20 फरवरी के दिन वह गली के सामने अकेला ही खेल रहा था, जिसके बाद एक साधू आया और उसे बहला-फुसला कर अपने साथ ले गया।
वह साधू बंटी को असम ले गया और अपने डेरे पर ले जाकर उससे कपड़े, बर्तन आदि धोने का काम करवाने लगा, लगभग दो साल तक साधू के चंगुल में फसे रहने के बाद बंटी एक दिन वहां से भाग निकला और ट्रेन से जयपुर आ गया।
कुछ दिन इधर उधर भटकने के बाद वहां से जोधपुर चला गया, जोधपुर में उसने एक मुस्लिम व्यापारी के पास काम किया और उसके बाद इसी व्यापारी के रिश्तेदार के पास माउंट आबू में तीन साल काम किया।