एनपी न्यूज़ डेस्क|Navpravah.com
धूम्रपान को लेकर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगते हुए यूपी बार काउंसिल को पक्षकार बनाने का आदेश दिया है। अधिवक्ता अजय उपाध्याय ने जनहित याचिका कर धूम्रपान व तंबाकू से बने उत्पादों को परिसर में तंबाकू से बने उत्पादों को बैन करने की मांग की थी।
याचिका ने हाई कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि, इससे परिसर का माहौल ख़राब हो रहा है, जो आम आदमी के लिए ठीक नहीं हैं, यह आम आदमी के जीवन के अधिकारों का हनन है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी.बी. भोसले व जस्टिस एम.के. गुप्ता कर रहे हैं।
याचिका ने सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान रोकने की मांग कर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। कोर्ट ने इस मामले में बार एसोसिएशन के गंभीर न होने पर भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। इस मामले की अगली सुनवाई 7 नवम्बर को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ निर्देशित किया था कि, राज्य सरकारें सार्वजनिक स्थलों पर हो रहे धूम्रपान को रोकने के लिए कड़े कदम उठाये। सुप्रीम कोर्ट की इस सख्त टिप्पणी के बाद भी राज्य सरकारों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और धूम्रपान रोक पाने में असफल साबित हुई।