सौम्या केसरवानी।|Navpravah.com
जिस भारत के बारे में कहा जाता है कि यह कृषि प्रधान देश है, जो एक उभरती हुयी अर्थव्यवस्था माना जाता है, उसकी एक स्याह हक़ीकत सामने आयी है, भूखे रहने वाले देशों के मामले में भारत 119 विकासशील देशों में 100वें नंबर पर है।
12 अक्टूबर को जारी हुई, वाशिंगटन स्थित अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान द्वारा जारी वैश्विक भूख सूचक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। इसका मतलब भुखमरी के मामले मे भारत नॉर्थ कोरिया और इराक़ से भी पीछे है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत को 31.4 स्कोर मिले, जिससे पता चलता है कि भूख के मामले में भारत की स्थिति कितनी गंभीर है। आईएफपीआरआई के एक स्टेटमेंट के अनुसार, भारत में पांच साल से कम उम्र का लगभग हर पांचवें बच्चे का वज़न उसकी लंबाई के हिसाब से कम है और एक तिहाई बच्चे ऐसे हैं जिनकी लंबाई उनकी उम्र की हिसाब से बहुत कम है।
आंकड़ों से यह पता चलता है कि इस इंडेक्स में भारत (100) अपने पड़ोसी देशों से नेपाल (72), म्यांमार (77), बांग्लादेश (88), श्रीलंका (84) और चाइना (29) से भी पीछे है, इस मामले में भारत सिर्फ पाकिस्तान (106) से आगे है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत का खराब अंक दक्षिण एशिया को इस साल जीएचआई पैमाने पर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले क्षेत्र की श्रेणी में डाल रहा है।
एक तहफ हम जहां लाखों टन खाना हर साल बर्बाद कर देते हैं वहीं दूसरी ओर देश के लाखों लोग भूखे सोने को मज़बूर हैं। 2016 में कृषि मंत्रालय की फसल-शोध संस्था सिफ़ेट द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आया कि भारत में हर साल लगभग 670 लाख टन खाद्यन्न बर्बाद हो जाता है।