आनंद द्विवेदी,
ऊना के दलित पीड़ितों से नेताओं के मिलने का ताँता लगा हुआ था तो दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी सुप्रीमो केजरीवाल कैसे पीछे रहते भला। मामला केवल दलित पीड़ितों के प्रति राजनीतिक सहानुभूति तक ही सीमित नहीं रहा। अरविन्द केजरीवाल एक पुलिसकर्मी पंकज अमरेलिया (42) की हत्या के आरोपी से भी हमदर्दी बाँटने एयरपोर्ट से सीधे अस्पताल जा पहुंचे। बाद में वे जहर पीकर पिटाई की घटना का विरोध करने वाले लोगों से मिले। केजरीवाल ने मृत पुलिसकर्मी के परिजनों से मिलने जाने की बात भी मीडिया से कही।
हमदर्दी के नाम पर अक्सर नेतागण ऐसे स्थानों पर जाने से नहीं चूकते, जहाँ उनके धुर विरोधी सत्तारूढ़ हों। राहुल गांधी भी इसके पहले पीड़ितों से मिलने पहुंचे थे। केजरीवाल ये मौका हाथ से कैसे गँवा सकते थे।
प्रेस को सम्बोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा,”गुजरात सरकार दलित विरोधी है और उनका दमन कर रही है। शिवसेना के लोगों ने ऊना में चमड़ा उतारने का पुश्तैनी काम करने वाले दलितों को बर्बरता से पीटा। पिटाई में प्रशासन और पुलिस संलिप्त थी। गुजरात में ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। भाजपा सरकार दलित आंदोलनकारियों के ख़िलाफ़ फर्जी मुकदमे दायर कर जेल भेज रही है। इस आंदोलन को भी वो पाटीदार आंदोलन की तरह दबाना चाहते हैं। जल्द ही सभी मिलकर सरकार को सबक सिखाएंगे।”