शिखा पाण्डेय,
भारतीय वायुसेना के विमान को लापता हुए 24 घंटे से अधिक समय हो चुका है, परंतु अब तक उसका कोई पता नहीं चल पाया है। गुमशुदगी पर चल रहे अभियान का मुआयना करने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर चेन्नई जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना का AN 32 विमान चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर जाते वक्त लापता हो गया था। इस प्लेन में 29 लोग सवार हैं। भारतीय वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल द्वारा व्यापक खोज एवं बचाव अभियान शुरू किया गया है, जिसमें एक पनडुब्बी, आठ विमान और 13 पोत लगाए गए हैं। रक्षा मंत्री इसी पर नजर रखने के लिए आज चेन्नई जा रहे हैं।
पर्रिकर ने कहा है कि लापता विमान और उसमें सवार कर्मियों का पता लगाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल विमान की खोज और राहत के लिए वायुसेना और नौसेना के विमान लगा दिए गए हैं। एक पी-8-आई और एक डोर्नियर को बंगाल की खाड़ी में भेज दिया गया है। प्लेन में एक एमरजेंसी बेकन लोकेटर है, जो क्रैश होने की स्थिति में सक्रिय हो जाता है। नौसेना ने एक पनडुब्बी को लोकेटेर द्वारा पानी के नीचे हुए किसी भी तरह के ट्रांसमिशन की जांच के लिए भेजा है। 13 युद्धपोत जिसमें करमुख, घड़ियाल, ज्योति और कूथर शामिल हैं, उन्हें भी इस अभियान में लगा दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक एयरक्राफ्ट से आखिरी बातचीत टेकऑफ के 16 मिनट बाद हुई थी और पायलट ने कहा था कि सबकुछ ‘सामान्य’ है। अचानक 23 हज़ार फुट से प्लेन की ऊंचाई में कमी आई। इस विमान में भारतीय वायुसेना के 12 जवान, 6 क्रू-मेंबर, 1 नौसैनिक, 1 सेना का जवान और एक ही परिवार के 8 सदस्य मौजूद हैं और यह चेन्नई के पास तंबारम एयरबेस से सुबह 8.30 बजे पोर्ट ब्लेयर के लिए रवाना हुआ था। इसे सुबह 11.15 के करीब पोर्ट ब्लेयर लैंड होना था, जो नहीं हो पाया।
रूस निर्मित एएन 32 विमान के साथ हुई ये घटना पहली बार नहीं हुई है। 1999 में भारतीय वायुसेना का एएन 32 विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने से ठीक पहले क्रैश हो गया था, जिसमें 21 लोगों की मौत हुई थी। भारतीय वायुसेना में इस वक्त 100 से भी ज़्यादा एएन 32 विमान सेवारत हैं। इन विमानों की खासियत है कि यह चार घंटे तक दोबारा ईंधन भरे बगैर भी उड़ सकते हैं और यह हर मौसम के लिए उपयुक्त होते हैं।