एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
जम्मू और कश्मीर के शोपियां में मारे गए 5 आतंकियों में एक आतंकी कश्मीर यूनिवर्सिटी का असिस्टेंट प्रोफेसर था। इस आतंकी की पहचान प्रोफेसर रफीक भट्ट के रूप में हुई है।
जांच के दौरान पता चला कि दो दिन पहले हिजबुल मुजाहिदीन नामक आतंकी संगठन में सक्रिय आतंकी के तौर पर शामिल हुआ था। रफीक हिजबुल मुजाहिदीन के इशारे पर किसी नापाक मंसूबे को अंजाम देता कि इससे पहले वह मुठभेड़ में सुरक्षा बलों की गोलियों का शिकार हो गया।
सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, रफीक भट्ट मूल रूप से मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले के चुंदिना इलाके का रहने वाला था। वह यूनिवर्सिटी के सोशियोलॉजी विभाग में अनुबंध पर बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर तैनात था। उन्होंने बताया कि रफीक भट्ट शुक्रवार से लापता था, जिसके बाद से पूरे इलाके में यह बात फैल चुकी थी कि वह आतंकी संगठन में शामिल हो गया है। इन्हीं खबरों को सुनने के बाद आतंकी रफीक भट्ट के परिजनों ने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से मुलाकात की थी।
आतंकी रफीक भट्ट के परिजनों से मुलाकात के बाद यूनिवर्सिटी के कुलपति ने जम्मू और कश्मीर के पुलिस के महानिदेशक को पत्र लिखकर जल्द से जल्द रफीक भट्ट को खोज निकालने का अनुरोध किया था। सुरक्षा बल और आतंकियों के बीच छिड़ी गोलियों की जंग के बीच इस बात की आशंका पुख्ता होने लगी थी कि मकान के भीतर मौजूद आतंकियों में एक आतंकी असिस्टेंट प्रोफेसर रफीक भट्ट भी है, जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने रफीक भट्ट के परिजनों को भी मुठभेड़ स्थल पर बुलाया।
पुलिस की अपील पर परिजनों ने रफीक भट्ट को सरेंडर करने के लिए खूब समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा रहा। रफीक भट्ट की यह जिद सुरक्षा बलों की गोलियों का शिकार बनने के बाद ही खत्म हुई।