सौम्या केसरवानी | Navpravah.Com
महामंडलेश्वर कम्प्यूटर बाबा शिवराज और उनकी सरकार पर जमकर बरसे हैं, वे एक निजी चैनल के कार्यक्रम पर पहुंचे थे, जहां उन्होंने आरोप लगाया कि 3 समझौते के तहत वो शिवराज सरकार में शामिल हुए थे और उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिला था।
कंम्प्यूटर बाबा ने कहा कि, सरकार में शामिल होने से पहले उन्होंने नर्मदा को स्वच्छ और अवैध खनन को रोकने, मठ-मंदिरों को सुरक्षित करने, गौ रक्षा की शर्त रखी थी, उस वक्त शिवराज ने संतों की ये शर्त मान ली थी, लेकिन 6 महीने बाद शिवराज अपने वादे से मुकर गए हैं।
महामंडलेश्वर कम्प्यूटर बाबा का कहना है, कि राज्य मंत्री बनते ही उन्होंने 6 महीने तक नर्मदा के तटों पर भ्रमण किया, लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया, खुद पेड़ लगाए, लेकिन जब 6 महीने बाद शिवराज को अपने वादे याद दिलाए गए तो उन्होंने कहा कि अब कुछ नहीं हो सकता है क्योंकि चुनाव सामने है।
बाबा ने कहा कि, वो सरकार के रवैये से आहत हैं, इसलिए एक अक्टूबर को धर्म सभा में निर्णय लिया कि अब मंत्रीपद का त्याग कर देना चाहिए, उनका कहना है कि ये साधू-संत शिवराज को चुनाव में जरूर सबक सिखाएंगे।
कप्यूटर बाबा ने कहा, शिवराज सरकार को मध्य प्रदेश में राज करते-करते 15 वर्ष हो गए हैं, इन्होंने संतों को ऐसे मढ़ दिया है कि संतों के बारे में कहा जाता है कि वे बीजेपी के हैं, आरएसएस के हैं, चित्रकूट में संतों की 100 झोपड़ियां तोड़ दी गईं, संत समाज इस सरकार से बेहद दुखी है।