अमित द्विवेदी,
ऐसा लगा था कि मुलायम सिंह के हस्तक्षेप के बाद चाचा-भतीजे का बवाल शांत हो गया, लेकिन ऐसा है नहीं। शिवपाल ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद को संभालते ही लगाम कसनी शुरू कर दी है। शिवपाल ने विधान परिषद सदस्य अरविन्द यादव को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
ऐसा माना जा रहा है कि शिवपाल ने यह कदम खुन्नस में लिया है। शिवपाल-अखिलेश के आपसी विवाद में रामगोपाल अखिलेश के पक्ष में थे। इस बात से शिवपाल काफी खफा थे। अरविन्द राम गोपाल के भांजे हैं, जिसकी वजह से वे शिवपाल के राडार पर आ गए।
गौरतलब है कि अरविंद यादव पर जमीनों के अवैध क़ब्ज़ों का आरोप है। मैनपुरी के विधान परिषद सदस्य अरविन्द प्रताप यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह के विरोध में असम्मानजनक एवं अमर्यादित टिप्पणियां करने, पार्टी विरोधी कार्यों में लिप्त रहने तथा अनुशासनहीन आचरण जैसे कई वजहों के चलते पार्टी से निष्कासित किया गया है।










