शिवसेना का बड़ा बयान, देश में घुसे पाक और बांग्लादेशी मुसलमानों को बाहर निकालो

मुंबई. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि देश में घुसे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को बाहर निकालो। उन्हें हर हाल में बाहर निकालना ही चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं लेकिन इसके लिए किसी राजनीतिक दल को अपना झंडा बदलना पड़े, यह देखना बेहद मजेदार अनुभव है। हाल ही में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने अपनी पार्टी का झंडा बदला है, इसी पर तंज कसते हुए शिवसेना ने कहा है कि दूसरी बात यह कि इसके लिए एक नहीं, दो झंडों की योजना बनाना यह दुविधा या फिसलती गाड़ी के लक्षण हैं।

राज ठाकरे और उनकी 14 साल पुरानी पार्टी ने मराठी के मुद्दे पर पार्टी की स्थापना कीष लेकिन अब उनकी पार्टी हिंदुत्ववाद की ओर जाती दिख रही है। इसे रास्ता बदलना कहना ही ठीक होगा। सामना में लिखा है कि शिवसेना ने मराठी के मुद्दे पर बहुत काम किया है। इसलिए मराठियों के बीच जाने के बावजूद उनके हाथ कुछ नहीं लगा और लगने के आसार भी नहीं हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि भाजपा को जैसी चाहिए, वैसी ही ‘हिंदू बांधव, भगिनी, मातांनो…’ आवाज राज ठाकरे दे रहे हैं। यहां भी इनके हाथ कुछ लग पाएगा, इसकी उम्मीद कम ही है।

शिवसेना ने प्रखर हिंदुत्व के मुद्दे पर देशभर में जागरूकता के साथ बड़ा कार्य किया है। मुख्य बात यह है कि शिवसेना ने हिंदुत्व का भगवा रंग कभी नहीं छोड़ा। यह रंग ऐसा ही रहेगा। इसलिए दो झंडे बनाने के बावजूद राज के झंडे को वैचारिक समर्थन मिल पाएगा, इसकी संभावना नहीं दिख रही।

शिवसेना ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई है। इसे रंग बदलना वैसे कहा जा सकता है? इस बारे में लोगों को आक्षेप कम लेकिन पेट दर्द ज्यादा है। भाजपा या दूसरे लोग महबूबा या किसी और से निकाह करते हैं तो चलता है, लेकिन यही राजनीतिक व्यवस्था कोई और करे, तो इसे पाप साबित किया जाता है। हमने जो सरकार बनाई, वह पाप नहीं बल्कि समाजिक कार्य है। सरकार का उद्देश्य और नीति स्पष्ट है।
सरकार संविधान के अनुसार चलाई जाएगी तथा रोटी, कपड़ा, मकान, रोजगार, किसान, मेहनतकशों के कल्याण और सुरक्षा जैसे समान नागरी कार्यक्रमों को लेकर आगे बढ़ेगी। तीन पार्टियों की विचारधारा अलग हो सकती है लेकिन ‘राज्य और जनता का कल्याण करने के लिए सरकार चलानी है’ इस संदर्भ में तीनों एकमत हैं।

गत पांच वर्षों में भारतीय जनता पार्टी जो कुछ नहीं कर पाई, वह महाविकास आघाड़ी सरकार ने 50 दिनों में कर दिखाया है। जनता का सरकार को समर्थन प्राप्त है। यह देखकर कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्ववाली सरकार नहीं गिरनेवाली, पुराने प्यादों को रंग बदलकर नचाया जाने लगा है। संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली में हर राजनीतिक दल अपना-अपना एजेंडा और झंडा लेकर काम करता रहता है। शिवसेना जैसी पार्टी ‘एक झंडा एक नेता’ के साथ 55 वर्षों से काम कर रही है। यह एक तपस्या और त्याग है। सत्ता के लिए शिवसेना ने रंग बदला है, ये ऐसी बात कहनेवाले लोगों के दिमागी दिवालिएपन की निशानी है।

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