स्पोर्ट्स डेस्क. भारतीय टीम ने ऑकलैंड में 203 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य हासिल करते हुए न्यूजीलैंड को सीरीज के पहले टी-20 में 6 विकेट से हरा दिया है। विदेशी मैदान पर यह एक बड़ा लक्ष्य था, लेकिन टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर ने जिस तरह के खेल का प्रदर्शन किया, उससे यह कोई बड़ा काम नहीं रह गया। इसके बाद मिडल ऑर्डर ने भी अच्छे खेल का प्रदर्शन किया।
मध्यम क्रम में बैटिंग करने उतरे केएल राहुल ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। भारतीय टीम की केएल राहुल को विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर इलेवन में रखने की रणनीति के कारगर होने का मतलब युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत की मुश्किल बढ़ना होगा। दिल्ली के इस ताबड़तोड़ बल्लेबाज को टीम मैनेजमेंट ने पूरा विश्वास जताते हुए लगातार मौके दिए, लेकिन पंत ने हर मोर्चे पर उन्हें निराश ही किया है।
विकेटकीपिंग में वह शुरू से अच्छे नहीं थे और बैटिंग में भी वह अपनी भूमिका समझने में नाकाम रहे। यह अगल बात है कि टीम मैनेजमेंट ने उन्हें तब भी टीम में बरकरार रखा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज में वह चोटिल हो गए और राहुल ने उनकी जगह विकेटकीपिंग की भूमिका निभाई।
फिलहाल कप्तान कोहली केएल की दोहरी भूमिका से संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं और जब तक राहुल का बल्ला बोलेगा तब तक नहीं लगता कि दस्ताने उनके हाथों से बाहर आएंगे। राहुल जिस फॉर्म में हैं, उसे देखते हुए ऋषभ पंत को फिलहाल तो मौका मिलता दिखाई नहीं देता। इस बारे में विराट ने भी कहा था कि केएल राहुल राहुल द्रविड़ की तरह विकेटकीपिंग करके टीम का संतुलन बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने अपनी नई रणनीति के तहत एक बार फिर विकेटकीपिंग के लिए ऋषभ पंत पर केएल राहुल की तरजीह दी, जिसकी वजह से उन्हें एक अतिरिक्त बल्लेबाज को एकादश में शामिल करने का मौका मिला। मुकाबले में बल्लेबाजी में गहराई लाने की विराट की रणनीति काम कर गई। पांचवें नंबर पर उतरे शिवम दुबे के फेल होने के बावजूद भारतीय खेमा ज्यादा परेशान नहीं दिखा, क्योंकि छठे क्रम पर मनीष पांडे जैसा टिकाऊ बल्लेबाज क्रीज पर उतरा।