अभिजीत मिश्र,
उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी गुलाम नवी आज़ाद ने आज नई दिल्ली में शिला दीक्षित को यूपी में मुख्यमंत्री प्रत्याशी के रूप में घोषित किया है। शीला दीक्षित 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं हैं और उन्हें दिल्ली को विकास की राह दिखाने वाली महिला का भी सम्मान प्राप्त है।
यूपी में शीला को मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी घोषित करने के पीछे 14 प्रतिशत ब्राम्हण वोट को अपनी तरफ करने की एक रणनीति है। क्योंकि दलित मायावती के ही पक्ष में होंगे और कांग्रेस को मुस्लिम और ब्राम्हण मतों पर ध्यान देना होगा। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस करीब 26 साल से बाहर है, कांग्रेस को लगता है शीला दीक्षित उन्हें यूपी में सत्ता पर दुबारा ला सकती है।
गुलाम नबी आज़ाद ने शीला पर लगे आरोपों पर उनका बचाव करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के और करोड़ों रूपए के घोटाले में तो राजस्थान, छत्तीसगढ़, और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल हैं। अगर वो इस्तीफ़ा दे दें तो मैं शीला दीक्षित को प्रत्याशी के पद से हटा दूंगा।