अभिजीत मिश्र,
आतंकी बुरहान की मौत की वजह से कश्मीर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। बाबाअमरनाथ की यात्रा करने के बाद लौट रहे 12 तीर्थ यात्रियों से भरी हुई मिनी बस को कुछ कश्मीरी उपद्रवियों ने रोक लिया और उन्हें बस आगे ले जाने से रोकने लगे। देखते ही देखते बस को लाठियों से पीटने लगे। बस को चारों तरफ से घेर लिया और ज़ोर ज़ोर से पत्थर फेंकने लगे। यही नहीं उपद्रवी बस को आग लगने की धमकी देने लगे।
सभी कश्मीरी उपद्रवी पाकिस्तान जिन्दा बाद के नारे लगा रहे थे। किशोर, पुरोहित, सुनील रंगा नामक यात्रियों ने ये सारा वाक़िया पुलिस को बताया। उन लोगों ने कहा कि उन लोगों से कुछ ही दूरी पर सीआरपीएफ़ जवान खड़े थे। हमने उनसे मदद की गुहार लगाई तो उन्होंने कहा कि हमे फायरिंग करने की इज़ाज़त नहीं है, हम मदद नहीं कर सकते।
तभी वहां से गुजर रही पुलिस की गाड़ी के पीछे बस ड्राइवर ने बस लगा ली और उसी के सहारे कैंप तक पहुंचे। वहां और भी ऐसी एक बस थी, जिसके कांच टूटे हुए थे, जिसपर 56 गुजराती यात्री सवार थे। उनमें से कुछ यात्रियों ने भी बताया कि उनके साथ भी वैसी ही घटनाएं हुई थी।
गुजरातियों ने बताया कि वे लोग हमें लाठियों से पीट रहे थे और कह रहे थे कि बुलाओ अपने मोदी को। यही नहीं कश्मीरी बार बार पाकिस्तान ज़िंदा बाद के नारे लगाने के लिए कह रहे थे। मजबूरन अपनी जान बचाने के लिए हमे भी पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने पड़ रहे थे।