अमित द्विवेदी | Navpravah.com
अभिनेता और निर्माता शशि कपूर का सोमवार को लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया, वे 79 वर्ष के थे। अभिनेता शशि कपूर ने ‘शर्मीली, ‘दीवार’, ‘कभी-कभी’, ‘क्रांति’ और ‘नमक हलाल’ जैसी तमाम फिल्मों में काम किया। वह दिवंगत अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के सबसे छोटे बेटे थे।
शशि कपूर की मृत्यु के बाद इस परिवार का एक युग जैसे समाप्त हो गया। हंसमुख और जिंदादिल अभिनेता शशि कपूर अपने पीछे दो बेटे कुणाल और करण कपूर के अलावा एक बेटी संजना कपूर को छोड़ गए हैं। अभिनेता शशि कपूर का जन्म 18 मार्च 1938 को कोलकाता में हुआ था। वह स्वर्गीय राज कपूर और शम्मी कपूर के छोटे भाई हैं। उन्होंने चार साल की उम्र में ही अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के नाटकों में अभिनय करना शुरु कर दिया था।
40 के दशक में अभिनेता शशि कपूर ने फ़िल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने बाल कलाकार के रूप में ‘आग’ (1948) और ‘अवारा’ (1951) जैसी फिल्मों में अभिनय किया। in फिल्मों में राज कपूर के बचपन के किरदार को भी उतना ही याद किया जाता है, जितना राज कपूर को। बतौर हीरो उन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्म ‘धर्मपुत्र’ से की, जो 1961 में आई थी। उसके बाद इस अभिनेता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगभग सौ से अधिक हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा बिखेरा। हिंदी फिल्मों में योगदान के लिए शशि कपूर को दादा साहब फाल्के पुरुस्कार से भी नवाजा गया था।
शशि कपूर ने ‘दि हाउसहोल्डर’ (1963), ‘शैक्सपियर वाला’ (1965), ‘बॉम्बे टॉकी’ (1970) और ‘हीट एण्ड डस्ट'(1982) जैसी विदेशी भाषा में बनी फिल्मों में भी अपने अभिनय का जलवा दिखाया। 1978 में शशि कपूर ने अपनी फ़िल्म कंपनी ‘फिल्म वाला’ खोली। इस कंपनी के बैनर तले ‘जुनून’ (1978), ‘कलयुग’ (1981), ’36चौरंगी लेन’ (1981), ‘विजेता’ (1982) और ‘उत्सव’ (1984) जैसी फिल्में बनीं जो बोहद सराही गईं।