एनपी डेस्क न्यूज़ | Navpravah.com
भारतीय सेना के शहीद जवान औरंगजेब का पार्थिव शरीर शनिवार दोपहर करीब एक बजे उनके गांव सलानी पहुंचा। इस दौरान हजारों लोगों की भीड़ औरंगजेब के अंतिम दर्शनों में गांव में उमड़ आई और लोगों की आंखें नम दिखी। और गांव के लोगों ने ईद नहीं मनाने का फैसला किया है। पूरे गांव में मातम पसरा है। शहीद औरंगजेब का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंच गया है। कुछ ही देर में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। उन्होंने सरकार से हत्यारे आतंकियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है।
#WATCH: Huge crowd gathers as mortal remains of Rifleman Aurangzeb are brought to his native village in Poonch. He was abducted by terrorists and his body was found in Pulwama's Gusoo, on 14 June. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/wMh0ZeSOCf
— ANI (@ANI) June 16, 2018
इससे पहले सेना के अफसरों ने उनके पिता मोहम्मद हनीफ से मुलाकात की। देश के लिए अपने बेटे को गंवा चुके मोहम्मद हनीफ के इरादे अब भी कमजोर नहीं पड़े हैं। वह अब भी कह रहे हैं कि घाटी के लिए आतंक घातक है। वह घाटी में मौजूद आतंकवाद के लिए वहां के नेताओं को जिम्मेदार मानते हैं। उन्होंने सेना के अफसरों कहा, सेना को अब कश्मीर से आतंकवाद को उखाड़कर फेंकना होगा। उन्होंने कहा, घाटी में नेता सत्ता के लिए जवानों को मरवा रहे हैं। लेकिन अब आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख दिखाना होगा। उन्होंने कहा मुझे सिर्फ अपने बेटे को खोने का दर्द नहीं है. ये सिर्फ मेरे परिवार का दुख नहीं है।
Jammu & Kashmir: Mortal remains of Rifleman Aurangzeb brought to his native village in Poonch. He was abducted by terrorists and his body was found in Pulwama's Gusoo, on 14 June. pic.twitter.com/wplrkxDFRF
— ANI (@ANI) June 16, 2018
शहीद जवान के उनके पार्थिव शरीर को श्रीनगर की बादामी बाग छावनी स्थित 92 बेंस हॉस्पिटल में रखा गया था, जहां से भारतीय सेना द्वारा शहीद जवान के पार्थिव शरीर को विमान के जरिये श्रीनगर से पुलवामा और फिर उनके गांव लाया जाएगा। बता दें कि गुरुवार की देर शाम कश्मीर के पुलवामा में औरंगजेब का शव गोलियों से छलनी पाया गया। आतंकवादियों ने उन्हें गुरुवार की ही सुबह करीब 9 बजे अगवा कर लिया था।
पुलिस और सेना के संयुक्त दल को औरंगजेब का शव कालम्पोरा से करीब 10 किलोमीटर दूर गुस्सु गांव में मिला। उनके सिर और गर्दन पर गोलियों के निशान मिले। औरंगजेब 4-जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के शादीमार्ग (शोपियां) स्थित 44 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे। वह ईद मनाने के लिए छुट्टी लेकर अपने घर जा रहे थे। यहां आपको यह भी बता दें कि औरंगजेब के चाचा को भी 2004 में आतंकवादियों ने मार डाला था। औरंगजेब के कुल 6 भाई हैं। औरंगजेब के पिता खुद सेना से रिटायर हुए हैं।